Bangladesh Former President Fled country Midnight to Thailand: बांग्लादेश इस समय गंभीर राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी और उन्हें देश भी छोड़ना पड़ा था. इसके बाद से ही बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है. सरकार से जुड़े नेताओं और आम नागरिकों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार कर जेलों में डाला जा रहा है. देश में कानून-व्यवस्था की हालत इस कदर बिगड़ चुकी है कि जिसे भी अवसर मिल रहा है, वह विदेश भागने की कोशिश कर रहा है.
इसी क्रम में अब एक बड़ी खबर सामने आई है कि बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने चुपचाप देश छोड़ दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने लुंगी पहनकर और व्हीलचेयर पर बैठकर रात के अंधेरे में ढाका एयरपोर्ट पहुंचकर थाईलैंड के लिए उड़ान भरी. उनके साथ उनकी पत्नी, भाई और बहनोई भी थे. बताया जा रहा है कि वह थाईलैंड में ही कुछ समय के लिए रुकेंगे या फिर किसी और देश की ओर रवाना हो सकते हैं. उनकी यह यात्रा इतनी गुप्त रखी गई कि एयरपोर्ट पर मौजूद लोग उन्हें पहचान भी नहीं सके. हालांकि, सुरक्षा कैमरों में उनकी तस्वीरें कैद हो गईं, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
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पूर्व राष्ट्रपति की इस तरह चुपचाप देश छोड़ने की घटना को बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन का प्रतीक माना जा रहा है. अब्दुल हामिद वही नेता हैं जो शेख हसीना के शासनकाल में दो बार राष्ट्रपति के पद पर आसीन रह चुके हैं. वे इन दिनों एक कथित हत्या के मामले में आरोपी थे, जिसमें उन्हें सजा-ए-मौत या उम्रकैद की सजा हो सकती थी.
सूत्रों की मानें तो अब्दुल हामिद को देश से निकलने की अनुमति सत्ता के ऊपरी स्तर से मिली थी. जबकि हाल के दिनों में कई अवामी लीग नेताओं को देश छोड़ने की कोशिश करते वक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि उन्हें जानबूझकर जाने दिया गया. ढाका पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरपोर्ट पर तैनात एक अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी संविधान के अनुच्छेद 34 और 102 के तहत किसी भी नागरिक को यात्रा करने से तब तक नहीं रोका जा सकता जब तक अदालत द्वारा उस पर रोक न हो. चूंकि अब्दुल हामिद के खिलाफ पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक आदेश नहीं था, इसलिए उन्हें जाने दिया गया.
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अब्दुल हामिद लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और इलाज करवा रहे थे. वे सार्वजनिक जीवन से दूर हो चुके थे. उनके विदेश जाने के ठीक बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया भी लंदन से लौट आई हैं. वे इलाज के सिलसिले में लंबे समय से वहां थीं. जिया एक विशेष विमान से वापस लौटीं, जो कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने उनके लिए भेजा था.
खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान, जो कि बीएनपी के उपाध्यक्ष हैं, पिछले 17 साल से लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. माना जा रहा है कि अब बांग्लादेश की राजनीति में बदलाव की आहट के बीच वे भी जल्द ही देश लौट सकते हैं और राजनीतिक गतिविधियों को नए सिरे से गति देंगे. इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश के भविष्य को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. देश में सत्ता का खालीपन, बढ़ता अविश्वास और कानूनी संस्थाओं की निष्क्रियता से बांग्लादेश एक गहरे संकट की ओर बढ़ता दिख रहा है.
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