Bangladesh : बांग्लादेश में लगातार हिंसा बढ़ती जा रही है. 9 जुलाई को ढाका के सर सलीमुल्लाह मेडिकल कॉलेज मितफोर्ड अस्पताल के बाहर दिनदहाड़े एक कबाड़ी व्यापारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड ने बांग्लादेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर जनता में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है. हमले का वीडियो सामने आया है, जिसमें 39 वर्षीय चांद मियां (उर्फ सोहाग) को मितफोर्ड परिसर से घसीटकर बाहर लाया गया. इसके बाद भीड़ ने उसे पीट-पीटकर व धारदार हथियार से काटकर मौत के घाट उतार दिया.
बांग्लादेश से लगातार बड़े अपराध के मामले सामने आ रहे हैं
यह हत्या ऐसे समय में हुई है जब देश में लगातार बड़े अपराध सामने आ रहे हैं. 11 जुलाई को खुलना में युवा दल के निष्कासित नेता मोल्ला महबुबुर रहमान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. चांदपुर में एक मस्जिद के इमाम पर माछेटी से हमला हुआ, जिसमें वह बाल-बाल बचे. वहीं मार्च में मदारीपुर की एक मस्जिद में हथियारबंद हमलावरों ने घुसकर तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी, जिनमें दो सगे भाई थे.
“कॉम्बिंग ऑपरेशन” शुरू करेगी सरकार
हर मामले में घटनास्थल पर मौजूद लोग कुछ कर पाने में असमर्थ रहे, जिससे आम नागरिकों के डर और बेबसी को लेकर चिंता और बढ़ गई है. मितफोर्ड हत्याकांड और बढ़ते जनआक्रोश के बीच गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जाहांगिर आलम चौधरी ने घोषणा की कि सरकार देशभर में “कॉम्बिंग ऑपरेशन” शुरू करेगी. इसके तहत चिन्हित अपराधियों को निशाना बनाया जाएगा और कानून-व्यवस्था बहाल की जाएगी. उन्होंने बताया कि मितफोर्ड मामले में 19 में से 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अब विशेष अभियान चलाकर सभी हत्यारों को जल्द सजा दिलाई जाएगी.
बांग्लादेश में हर दिन 10 हत्या
अगस्त 2024 से जून 2025 तक के पुलिस आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, पिछले 11 महीनों में देशभर में कुल 1,08,695 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गईं. इनमें 3,504 हत्या के मामले शामिल हैं, यानी औसतन हर दिन 10 से अधिक हत्याएं हुईं. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं, जिनके 17,900 मामले सामने आए. संपत्ति से जुड़े अपराध भी आम रहे, जिनमें 7,691 चोरी और 2,434 सेंधमारी के मामले दर्ज किए गए.
यह भी पढ़ें : Bangladesh : विकलांग महिलाओं को प्रेग्नेंट होने का कोई हक नहीं? बांग्लादेश में स्थिति दयनीय
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि पिछले 11 महीनों में 1,587 लूटपाट, 647 डकैती और 521 पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले दर्ज किए गए.