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Big Beautiful Bill: बिग ब्यूटीफुल बिल क्या है? जिसे पास कराने में डोनाल्ड ट्रंप के छूट गए पसीने

Big Beautiful Bill: इस बिल के विरोध में रिपब्लिकन पार्टी के तीन सीनेटर थॉम थिलिस, सुजैन कॉलिन्स और रैंड पॉल खड़े हुए, जिन्होंने पार्टी लाइन से हटकर वोट दिया.

Big Beautiful Bill: अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार को बेहद करीबी मुकाबले में 51-50 के वोट से बहुचर्चित और विवादास्पद ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ को पारित कर दिया. यह बिल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसे पास कराने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी. सीनेट में जब वोटिंग हुई तो 50-50 की बराबरी हो गई थी, जिसके बाद उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने निर्णायक वोट डालकर बिल को मंजूरी दिलाई. यह अमेरिकी संविधान के तहत उपराष्ट्रपति का विशेषाधिकार है.

इस बिल के विरोध में रिपब्लिकन पार्टी के तीन सीनेटर थॉम थिलिस, सुजैन कॉलिन्स और रैंड पॉल खड़े हुए, जिन्होंने पार्टी लाइन से हटकर वोट दिया. डेमोक्रेट सांसदों ने भी बिल को रोकने के लिए कड़ा विरोध किया, लेकिन अंततः रिपब्लिकन नेतृत्व ने रणनीतिक रूप से इस कानून को पारित करा लिया. 887 पन्नों के इस विधेयक में कई बड़े आर्थिक और सामाजिक बदलावों का प्रस्ताव किया गया है. इसमें ट्रंप के 2017 टैक्स कट्स को स्थायी रूप देने, बॉर्डर सुरक्षा पर भारी निवेश, ऊर्जा उत्पादन और डिफेंस क्षेत्र में खर्च बढ़ाने का प्रावधान है. वहीं दूसरी ओर, मेडिकेड और फूड स्टैम्प्स (SNAP) जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में कटौती की गई है. SNAP में काम करने की उम्र की सीमा 18 से बढ़ाकर 64 साल कर दी गई है.

बिल में चाइल्ड टैक्स क्रेडिट को 2,000 डॉलर से बढ़ाकर 2,200 डॉलर किया गया है, जबकि प्रतिनिधि सभा में इसे 2,500 डॉलर करने की मांग की जा रही है. टैक्स राहत के तहत टिप और ओवरटाइम से होने वाली आय पर टैक्स छूट दी जाएगी, जिससे सालाना 25,000 डॉलर तक की आमदनी टैक्स फ्री हो जाएगी. स्टेट और लोकल टैक्स डिडक्शन (SALT) की सीमा 10,000 डॉलर से बढ़ाकर 40,000 डॉलर तक की गई है, हालांकि यह बढ़ी हुई सीमा सिर्फ पांच वर्षों के लिए होगी. इसके बाद यह फिर से पुरानी सीमा पर लौट आएगी. ग्रामीण अस्पतालों के लिए 50 अरब डॉलर का विशेष फंड भी प्रस्तावित किया गया है ताकि मेडिकेड कटौती के प्रभाव को संतुलित किया जा सके.

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बिल में अमेरिका की ऋण सीमा को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने की अनुमति दी गई है, जो पहले हाउस बिल में 4 ट्रिलियन डॉलर थी. ट्रेजरी विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि मध्य जुलाई तक यह कार्रवाई नहीं हुई तो अगस्त में अमेरिका को ऋण चुकाने में संकट का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि सीनेट से पास हो जाने के बावजूद संकट पूरी तरह टला नहीं है. अब इस बिल को प्रतिनिधि सभा में भी पास कराना होगा, जहां यदि कोई बदलाव किया गया, तो इसे फिर से सीनेट में पेश करना होगा. ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी इस विधेयक को शुक्रवार से पहले पास कराना चाहते हैं ताकि राष्ट्रपति छुट्टी पर जाने से पहले इसे कानून का रूप दिया जा सके.

इस बिल पर बहस के दौरान सीनेट में देर रात तक राजनीतिक तनाव बना रहा. रिपब्लिकन सांसद एकजुटता लाने की कोशिश में लगे रहे, वहीं डेमोक्रेट सांसदों ने इसमें कई संशोधन लाकर बिल को कमजोर करने की कोशिश की. राष्ट्रपति ट्रंप ने भी देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस बिल को “अपने समय का सबसे महान और ऐतिहासिक विधेयक” बताया और सीनेट से इसे पारित करने की अपील की थी. अब सबकी नजरें प्रतिनिधि सभा की प्रक्रिया पर टिकी हैं, जहां इसकी किस्मत का फैसला होगा.

Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

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