Britain: ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए 21 जुलाई को नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इन नए प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य रूस के तेल उद्योग और शैडो फ्लीट ऑपरेशन पर दबाव बनाना है. प्रशासन का कहना है कि इन प्रतिबंधों का असर रूस की वॉर चेस्ट मतलब युद्ध के लिए धन जुटाने की क्षमता पर होगा. बताया जा रहा है कि ब्रिटेन ने यह कदम अमेरिका के 50-दिवसीय डेडलाइन के समर्थन में उठाया है. 50-दिवसीय डेडलाइन के तहत रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर शांति की मांग की गई थी.
ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की ओर से क्या कहा गया?
इन नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया. बयान में कहा गया है कि नए प्रतिबंधों के लिए 137 लक्ष्य निर्धारित किए गए. इनका उद्देश्य रूस के ऊर्जा सेक्टर को निशाना बनाना है. इसका असर राष्ट्रपति पुतिन की ऑयल इनकम पर पड़ेगा. दावा किया गया कि यह रूस के युद्ध के लिए फंडिंग का मुख्य स्रोतों में से एक है. “ब्रिटेन के मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि रूस के ऑयल सेक्टर पर हर एक हमला यूक्रेन में शांति की ओर एक कदम है.
रूस को युद्ध के लिए मिल रही तेल की कमाई पर लगेगी रोक
ब्रिटेन ने दावा किया है कि रूस की 135 ऑयल टैंकरों वाली ‘शैडो फ्लीट’ ने 2024 की शुरुआत से अब तक करीब 24 बिलियन डॉलर का अवैध तेल विदेशों में भेजा है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, “हमने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं जो पुतिन की इस छिपी हुई टैंकर फ्लीट को कमजोर करेंगे. इससे रूस को युद्ध के लिए मिल रही तेल की कमाई पर भी रोक लगेगी. जब पुतिन शांति की बात को नजरअंदाज करते हैं, तो हम भी चुप नहीं बैठ सकते. हम हर तरह के प्रतिबंधों का इस्तेमाल करेंगे.