27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

ब्रह्मपुत्र पर चीन का शिकंजा? भारत के लिए सूखा या बाढ़ की तबाही

China Brahmaputra Mega Dam: चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा डैम बनाने की योजना न सिर्फ भारत की जल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि पर्यावरण और क्षेत्रीय स्थिरता पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकती है. यह जियो-पॉलिटिकल तनाव बढ़ा सकता है.

China Brahmaputra Mega Dam: चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े जलविद्युत बांध ने न केवल पर्यावरणीय बल्कि भू-राजनीतिक चिंताओं को भी जन्म दे दिया है. यह परियोजना तिब्बत के मेडोग काउंटी में यारलुंग त्सांगपो नदी पर विकसित की जा रही है, जो भारत में ब्रह्मपुत्र के नाम से जानी जाती है. चीन इसे एक ऊर्जा क्रांति के रूप में पेश कर रहा है, लेकिन इसके पीछे छुपे रणनीतिक इरादे भारत के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं.

यह डैम 70 गीगावॉट की उत्पादन क्षमता के साथ दुनिया के सबसे बड़े थ्री गोरजेस डैम को भी पीछे छोड़ देगा. हालांकि यह ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली परियोजना है, परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की एक रणनीतिक चाल भी है जिससे भारत की जल सुरक्षा, सीमा स्थिरता और क्षेत्रीय प्रभाव पर गहरा असर पड़ सकता है. पाकिस्तान जैसे देश इस परियोजना को चीन की मदद से अपने भू-राजनीतिक उद्देश्यों को साधने का अवसर मानते हैं, जबकि भारत इसे एक बड़े खतरे के रूप में देख रहा है.

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ब्रह्मपुत्र नदी जीवनरेखा है, खासकर असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे इलाकों के लिए. डैम के निर्माण से चीन को नदी के बहाव को नियंत्रित करने की ताकत मिल जाएगी. यह नियंत्रण चीन को मौसम के अनुसार भारत में सूखा या बाढ़ लाने की शक्ति भी दे सकता है, जो कि सीधे तौर पर भारत की खाद्य सुरक्षा, आजीविका और आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.

इसे भी पढ़ें: राम नवमी पर जानें भगवान राम के 63 पूर्वजों के नाम

इस डैम का निर्माण ऐसे क्षेत्र में किया जा रहा है जो भूकंप-प्रवण है. विशेषज्ञों का कहना है कि डैम के निर्माण से भूस्खलन, भूकंप और पारिस्थितिक असंतुलन जैसी आपदाएं आ सकती हैं. साथ ही, नदी में गाद और पोषक तत्वों के प्रवाह में रुकावट आने से ब्रह्मपुत्र घाटी की उपजाऊ मिट्टी और मत्स्य संसाधनों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा.

चीन ने इस परियोजना को अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत एक ‘हरित’ और पर्यावरण के अनुकूल परियोजना के रूप में प्रचारित किया है, लेकिन समीक्षकों का मानना है कि यह “स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स” रणनीति का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को सामरिक रूप से घेरना है. इस डैम के आसपास सैन्य आधारभूत ढांचा विकसित करने की भी संभावना जताई जा रही है, जो कि एलएसी (LAC) पर तनाव को और बढ़ा सकता है.

इसे भी पढ़ें: हे राम! प्रेमी ने चुराई गर्लफ्रेंड के पिता की अस्थियां, जानें क्यों?  

भारत सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. विशेषज्ञों की एक टीम डैम के संभावित प्रभावों का अध्ययन कर रही है और सुझाव दिया गया है कि भारत को दोतरफा रणनीति अपनानी चाहिए—एक तरफ चीन के साथ कूटनीतिक वार्ता और विरोध और दूसरी तरफ पूर्वोत्तर भारत में अपने जल परियोजनाओं को मजबूती देना. इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन के इस कदम के पर्यावरणीय और मानवीय प्रभाव को उजागर कर उस पर वैश्विक दबाव बनाने की भी जरूरत है.

यह स्पष्ट है कि यह परियोजना केवल ऊर्जा उत्पादन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक उपकरण बन सकता है जिससे चीन भारत के भू-राजनीतिक हितों को चुनौती दे सकता है. आने वाले समय में भारत को अत्यंत सतर्कता और रणनीतिक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा, ताकि अपने हितों और भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

इसे भी पढ़ें: चीन के चंगुल में फंसा पाकिस्तान! जानिए कैसे?

Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel