Revenge on Gold Diggers Controversy: चीन में तैयार किया गया एक लाइव एक्शन गेम बुरी तरह से आलोचनाओं के जाल में फंस चुका है. इस गेम का नाम “रिवेंज ऑन गोल्ड डिग्गर्स” है. इस गेम को महिलाओं के प्रति भेदभाव और नफरत को पैदा करने का जरिया बताया जा रहा है. इसमें महिलाओं को गोल्ड डिग्गर्स का नाम दिया गया है, जो चालाकी से पुरुषों को उनके पैसे के लिए अपने प्यार में फंसा लेती हैं. गेम में महिलाओं के पात्र को दर्शाने का ढंग कड़ी निंदा में है.
क्या है इस गेम की कहानी? (Revenge on Gold Diggers Controversy)
“रिवेंज ऑन गोल्ड डिग्गर्स” गेम को कियानफैंग स्टूडियो ने जून के महीने में रिलीज किया था. इस गेम का निर्देशन हॉन्ग कॉन्ग के मशहूर डायरेक्टर मार्क हू ने किया है. रिलीज होने के कुछ ही घंटों में इस गेम ने चीन के 10 मशहूर गेम की लिस्ट में अपनी जगह बना ली है.
अगर कहानी की बात की जाए, तो इस गेम में एक पुरुष का पात्र मौजूद है, जिसका नाम वू युलुन है. वू युलुन को गेम का मुख्य पात्र बताया गया है, जिसे गेम में अपने साथ हुए धोखे का बदला उन महिलाओं से लेना है, जिन्हें गोल्ड डिग्गर्स कहा जा रहा है. गेम को खेल रहे खिलाड़ी वू युलुन का पात्र निभाएंगे और गोल्ड डिग्गर्स महिलाओं से बदला लेंगे.
आलोचना के दबाव में बदला गया गेम का नाम (Revenge on Gold Diggers Controversy)
इस गेम को पूरे विश्व में महिलाओं को टारगेट करने का एक जरिया बताया जा रहा है. इसके निर्देशक से लेकर इसे रिलीज करने वाली स्टूडियो तक की निंदा की जा रही है. इस गेम के प्रति पैदा हो रहे नफरत की वजह से गेम का नाम बदलकर “इमोशनल एंटी फ्रॉड सिम्युलेटर” रख दिया गया है. इस उठाए गए कदम से भी कोई राहत नहीं मिली है. गेम के निर्देशक को चीन के कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बैन कर दिया गया है. गेम के निर्माताओं ने अपने बचाव में कहा है कि यह गेम लोगों को “लव स्कैम्स” के प्रति जागरूक करता है. यह गेम केवल भावनाओं के ऊपर खुली ढंग से बातचीत करने के उद्देश्य से बनाया गया है.
महिलाओं को दिया जा रहा है लेबल (China Online Game)
केवल चीन में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में प्रतिदिन महिलाओं के प्रति भेदभाव और उनके अपमान से जुड़े वाक्ये होते रहते हैं. पर चीन में कुछ दिनों से महिलाओं के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणियों का सिलसिला जारी है. यहां तक कि चीन के राष्ट्रपति, शी जिनपिंग ने कहा है कि महिलाओं को ‘पत्नी और माँ के रूप में अपनी भूमिकाएँ स्वीकार करनी चाहिए’. विश्व में चल रही इन प्रतिक्रियाओं से यह साफ हो जाता है कि शुरुआत से महिलाओं को पुरुषों द्वारा एक लेबल पहना दिया जाता है. चाहे वह एक हाउसवाइफ का हो या फिर गोल्ड डिगर. यह घटनाएं हमें सबूत देती हैं कि आज भी महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी सोच चरम पर है.