Nobel Peace Prize: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) और रवांडा के बीच चल रहे तनाव को खत्म करने की दिशा में कदम उठाते हुए शुरूआती समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है. यह समझौता अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में हुआ है. समझौते में अपनी अहम भूमिका का दावा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार की उम्मीद जताई है. उन्होंने तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन्हें इस समझौते के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की संभावना नहीं है,लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लोगों को पता है और बस यही मेरे लिए मायने रखता है.
ट्रंप ने पोस्ट में लिखा
ट्रंप ने लिखा, “मुझे कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. मुझे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, मुझे सर्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. मुझे मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा और न ही मुझे मध्य पूर्व में अब्राहम समझौते कराने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलेगा.”
BREAKING: President Trump post about arranging treaty between DR Congo and Rwanda, and deserving a Nobel Peace Prize. pic.twitter.com/zjNk7NEdDd
— The Spectator Index (@spectatorindex) June 20, 2025
रवांडा और कांगो समझौता
अमेरिका के प्रयास से रवांडा और कांगो समझौते के लिए तैयार हुए. अमेरिका ने लगातार तीन दिनों तक दोनों देशों के साथ बातचीत कर समझौता करवाने का प्रयास किया, जिसके बाद बुधवार की देर रात को दोनों देशों ने वॉशिंगटन डीसी में एक ड्राफ्ट समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के मुख्य बिंदुओं में हथियारों का इस्तेमाल न करना, नॉन-स्टेट आर्म्ड ग्रुप्स को खत्म करना और शरणार्थियों और आंतरिक प्रवासियों को वापस उनके देश भेजना शामिल है.
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