Ghana India Trade : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच विस्तार से बातचीत हुई. इसके बाद भारत और घाना ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक पहुंचाने का निर्णय लिया. बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा कि भारत, घाना की विकास यात्रा में केवल भागीदार नहीं, बल्कि सह-यात्री भी है. प्रतिनिधिमंडल स्तर की यह बैठक मोदी के अकरा पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई. इस दौरान दोनों देशों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
घाना किस चीज का निर्यात करता है अन्य देशों को?
घाना एक प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है, जो दुनिया को सोना, कोको, लकड़ी और तेल जैसे कीमती संसाधन प्रदान करता है. यह उप-सहारा अफ्रीका में स्वतंत्रता प्राप्त करने वाला पहला देश है और कृषि क्षेत्र में भी मजबूत स्थिति रखता है. घाना में कोको, कासावा और अन्य फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं. अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच घाना ने 12,157.74 मिलियन डॉलर का सोना और 1,865 मिलियन डॉलर मूल्य का उच्च गुणवत्ता वाला कच्चा कोको निर्यात किया. इसके अलावा, घाना एल्युमिनियम, मैगनीज अयस्क, हीरे और काजू भी अन्य देशों को निर्यात करता है.
घाना क्यों है भारत के लिए खास?
घाना भारत के लिए सोने का एक प्रमुख स्रोत है, जहां से भारत के कुल सोने के आयात का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा आता है. दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 3.13 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है और इसमें आगे वृद्धि की संभावना की बात पीएम मोदी ने की है. भारत हर साल घाना को लगभग 13,000 करोड़ रुपये मूल्य का सामान निर्यात करता है, जिसमें दवाइयां, वाहन, शराब, अनाज, कपड़ा, स्टील, कृषि उपकरण और प्लास्टिक शामिल हैं. इसके अलावा, घाना भारत से छातों का भी एक बड़ा आयातक देश है.
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घाना में भारत की 818 परियोजनाओं में निवेश है, जिनमें खेती, निर्माण, शिक्षा, दवाइयां, ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी से जुड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा, अशोक लेलैंड, लार्सन एंड टूब्रो, एनआईआईटी, एस्कॉर्ट्स और कई दवा कंपनियां वहां सक्रिय हैं. इससे भारत और घाना के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और सहयोग के नए अवसर बन रहे हैं.