Indian Army Artillery Power: 26 जुलाई 1999 – यह वही दिन है जब भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली चोटियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को पीछे धकेलकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. इस युद्ध में भारत ने भले ही विजय हासिल की, लेकिन इसके पीछे हजारों जवानों का बलिदान छिपा था. उनकी वीरता और साहस के चलते हर साल इस दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि भारतीय सेना की ताकत, आत्मबल और जज्बे का प्रतीक बन गया है.
बोफोर्स से आगे बढ़ी भारतीय तोपखाना शक्ति
कारगिल युद्ध में जिस बोफोर्स तोप ने निर्णायक भूमिका निभाई थी, आज उससे भी शक्तिशाली तोप भारतीय सेना के पास है – ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System). यह तोप पूरी तरह से भारत में बनी है और इसे डीआरडीओ ने डिजाइन किया है. इसकी मारक क्षमता इतनी जबरदस्त है कि यह भारत की धरती से लाहौर तक हमला करने में सक्षम है. सरकार ने 6900 करोड़ रुपये में 307 ATAGS तोपों की खरीद का ऑर्डर दिया है. इसे ‘बोफोर्स का बाप’ कहा जा रहा है और यह ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है.
K-9 वज्र, दुनिया की सबसे खतरनाक तोपों में एक
भारतीय सेना के पास पहले से ही 100 से अधिक K-9 वज्र होवित्जर तोपें हैं. इनकी गिनती दुनिया की सबसे खतरनाक तोपों में होती है. इसकी रेंज 80 किलोमीटर से भी अधिक है. ग्लोबल फायरपावर की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की तोपों और गोला-बारूद के मामले में स्थिति पाकिस्तान से काफी बेहतर है.
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Indian Army Artillery Power: तोप और टैंक के मामले में कौन भारी?
भारत के पास करीब 4000 से ज्यादा तोपें हैं, जबकि पाकिस्तान के पास इनकी संख्या सिर्फ 2629 के आसपास है. भारतीय सेना के पास 4000 से अधिक युद्धक टैंक हैं जिनमें टी-90, टी-72 और अर्जुन जैसे आधुनिक टैंक शामिल हैं. दूसरी ओर, पाकिस्तान के पास करीब 2627 टैंक हैं. यह आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि तोप और टैंक के क्षेत्र में भी भारत पाकिस्तान से आगे है.
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विजय दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, एक प्रेरणा है
26 जुलाई को हर साल हम कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद करते हैं, लेकिन यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि कैसे भारत ने सीमित संसाधनों में भी पाकिस्तान जैसी सेना को शिकस्त दी थी. आज भारतीय सेना आधुनिक हथियारों से लैस है, आत्मनिर्भर है और किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है.
कारगिल की जीत से लेकर आज तक भारत की सैन्य ताकत लगातार मजबूत होती गई है. ATAGS और K-9 वज्र जैसी आधुनिक तोपों, हजारों टैंकों और मजबूत रणनीति के साथ भारत अब केवल सीमाओं की रक्षा ही नहीं करता, बल्कि दुश्मनों को चेतावनी भी देता है कि वह किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने में सक्षम है.