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क्या अमेरिकी दबाव में झुका ईरान? इमेज बचाने को दागीं मिसाइले, हमले का कोई असर नहीं पड़ा

Iran Missile Strike on US Military Base: अमेरिका और इजरायल के हमलों के जवाब में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल दागीं. हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ. ट्रंप ने इसे कमजोर हमला बताया और युद्धविराम की घोषणा कर दी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की अपील तेज हो गई है.

Iran Missile Strike on US Military Base: ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने बीते दिनों खतरनाक मोड़ ले लिया, जब अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के जवाब में ईरान ने भी प्रतिक्रिया दी. सोमवार को ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदीद पर मिसाइलें दागीं. यह वही अड्डा है जहां अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का मुख्यालय है और जहां लगभग 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.

हालांकि, कतर सरकार और पेंटागन ने दावा किया कि सभी मिसाइलों को समय रहते नष्ट कर दिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को “कमजोर” बताते हुए कहा कि ईरान ने जानबूझकर सीमित हमला किया और इसकी जानकारी पहले से दे दी गई थी. ईरान ने अपने बयान में कहा कि उसने अमेरिकी हमले के जवाब में उतनी ही मिसाइलें दागीं जितने बम उसके परमाणु ठिकानों पर गिराए गए थे. इराक के एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ईरान ने इराक के ऐन अल-असद बेस पर भी हमला किया है, जहां अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.

इससे पहले अमेरिका ने 21 जून को ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के तीन बड़े परमाणु स्थलों को नष्ट करने का दावा किया था. इसके पहले 13 जून को इजरायल ने तेहरान पर एयरस्ट्राइक कर सैन्य व परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था. इन हमलों में सैकड़ों आम नागरिकों की मौत हुई, और तेहरान समेत अन्य शहरों में दहशत फैल गई. सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और लाखों लोग पलायन करने लगे. ईरानी मीडिया ने अल-उदीद हमले को “जवाबी कार्रवाई की शुरुआत” बताया, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला प्रतीकात्मक था, जिसका उद्देश्य देश की जनता को यह दिखाना था कि ईरान अब भी अपनी साख बचा सकता है.

इसे भी पढ़ें: 12 दिन की जंग पर विराम, ट्रंप ने किया ईरान-इजरायल सीजफायर का ऐलान

चौंकाने वाली बात यह रही कि अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए इन हमलों के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की घोषणा कर दी. इसे उन्होंने “स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम” बताया. हालांकि, ईरान पहले कह चुका है कि जब तक युद्ध चल रहा है, वह किसी भी परमाणु वार्ता में भाग नहीं लेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चिंता गहराई है. रूस ने अमेरिका के हमलों की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. यमन के हूती विद्रोहियों ने भी हमलों की निंदा की. यूरोपीय देश दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने चेतावनी दी है कि दोनों देशों में स्थिति बिगड़ने से आम लोगों को भारी नुकसान हो रहा है और विस्थापन का खतरा बढ़ गया है. एजेंसी ने सभी पक्षों से तत्काल संघर्ष विराम और तनाव घटाने की अपील की है. ईरान के अंदरूनी हालात भी चिंताजनक बने हुए हैं. सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खामनेई ने अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सलाहकारों ने संकेत दिए हैं कि यह संघर्ष अभी थमा नहीं है. खाड़ी क्षेत्र में टकराव की आशंका अभी भी बनी हुई है.

Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

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