Oman Income Tax: मिडिल ईस्ट में इन दिनों जबरदस्त तनाव का माहौल है, खासकर ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक ऐसा फैसला सामने आया है जो खाड़ी क्षेत्र के आर्थिक ढांचे में बड़ा बदलाव ला सकता है. ईरान के पड़ोसी देश ओमान ने ऐलान किया है कि वह 2028 से अपने देश में इनकम टैक्स लागू करेगा, जिससे वह ऐसा करने वाला पहला खाड़ी देश बन जाएगा.
सिर्फ टॉप 1% इनकम वालों पर टैक्स
ओमान की सरकारी समाचार एजेंसी के हवाले से ब्लूमबर्ग ने बताया कि यह नया टैक्स सिर्फ 42,000 ओमानी रियाल (लगभग 1.09 लाख डॉलर) सालाना या उससे ज्यादा कमाने वालों पर लागू होगा. इसका मतलब है कि यह टैक्स केवल टॉप 1% आय वर्ग को प्रभावित करेगा.
क्यों लिया गया ये फैसला?
ओमान के अर्थव्यवस्था मंत्री सईद बिन मोहम्मद अल-सकरी ने कहा कि इस फैसले का मकसद तेल पर निर्भरता कम करना और सामाजिक व्यय को संरक्षित रखना है. यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के किसी भी देश जैसे सऊदी अरब, यूएई, कतर, कुवैत, बहरीन ने अब तक आम नागरिकों पर इनकम टैक्स नहीं लगाया है.
आर्थिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम
अबू धाबी कमर्शियल बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट मोनिका मलिक के अनुसार, भले ही यह टैक्स सीमित आय वर्ग को ही प्रभावित करे, लेकिन यह निर्णय पूरे खाड़ी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय बदलाव का संकेत है. ओमान खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए यह निर्णय ले रहा है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया भर के अमीर निवेशक इस क्षेत्र का रुख कर रहे हैं.
क्या अन्य खाड़ी देश भी अपनाएंगे यह रास्ता?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का मानना है कि भविष्य में खाड़ी देशों को भी टैक्स सिस्टम अपनाना पड़ सकता है, क्योंकि दुनियाभर में ईंधन की मांग घट रही है. ओमान ने पहले ही अपनी ऊर्जा कंपनी के एक यूनिट का आईपीओ निकालकर 2 बिलियन डॉलर जुटाए हैं और निजीकरण की नीति पर भी काम कर रहा है.