Israel Iran Conflict: इजराइल और ईरान के बीच छिड़े संघर्ष में अमेरिका की सीधी दखल के बाद पश्चिम एशिया की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है. हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरान भड़क गया है और उसने न केवल जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है, बल्कि दुनिया के सबसे अहम समुद्री मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी भी दे डाली है.
अमेरिका ने चीन से मांगी मदद
ईरान की इस धमकी के बाद अमेरिका ने चीन से दखल देने की अपील की है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को चीन से आग्रह किया कि वह ईरान पर दबाव बनाए कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद न करे. उन्होंने कहा कि यदि ईरान ऐसा करता है तो यह “आर्थिक आत्महत्या” होगी और इसका असर अमेरिका से ज्यादा बाकी देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा.
क्यों अहम है होर्मुज जलडमरूमध्य
होर्मुज जलडमरूमध्य वह रणनीतिक मार्ग है जो फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है. यही रास्ता दुनिया के करीब 20% तेल और गैस के परिवहन का जरिया है. ईरान की संसद ने भी इस जलमार्ग को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति पर संकट मंडरा गया है.
अमेरिकी हमला और ईरानी चेतावनी
अमेरिका ने दावा किया है कि उसने 14 बंकर-बस्टर बम, दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक मिसाइल और 125 से ज्यादा सैन्य विमानों की मदद से ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है. इसके जवाब में ईरान ने अमेरिका को “सबक सिखाने” की धमकी दी है और कहा है कि अगर होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा.
भारत की चिंता बढ़ी
होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की धमकी से भारत में भी चिंता बढ़ी है क्योंकि भारत की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा इसी मार्ग से आता है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वस्त किया कि भारत की तेल कंपनियों के पास कई हफ्तों की आपूर्ति मौजूद है और वैकल्पिक मार्गों से तेल आयात को लेकर भी तैयारी पूरी है.
चीन ने की अमेरिकी हमले की आलोचना
दूसरी ओर, चीन ने अमेरिका के हमलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ेगा. बीजिंग ने सभी पक्षों, विशेष रूप से इजराइल से युद्धविराम की अपील की और आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा.