Israel Iran War: दुनिया इस वक्त एक बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रही है. ईरान और इजरायल के बीच छिड़ा भीषण टकराव वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बन गया है. दोनों देश एक-दूसरे को खुलेआम युद्ध की धमकियां दे रहे हैं. इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं, जबकि ईरान ने पलटवार की तैयारी कर ली है.
स्थिति को और अधिक गंभीर तब बना दिया जब रूस ने इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत बताते हुए अपनी सेना को अलर्ट कर दिया. रूसी सेना के शीर्ष जनरल अलाउद्दीनोव ने 10 लाख सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. अमेरिका पहले ही इजरायल के समर्थन में आ चुका है, जिससे वैश्विक स्तर पर दो स्पष्ट गुट बनते नजर आ रहे हैं एक ओर अमेरिका, इजरायल और नाटो, दूसरी ओर रूस, चीन, उत्तर कोरिया और कुछ अरब देश.
तीसरे विश्व युद्ध की संभावित शुरुआत
विशेषज्ञों के अनुसार, तीसरे विश्व युद्ध की चिंगारी पश्चिमी एशिया से भड़क सकती है. संभावित पहले हमले रणनीतिक और परमाणु ठिकानों पर हो सकते हैं. युद्ध की शुरुआत इजरायल, ईरान, यूक्रेन, दक्षिण कोरिया, जापान और ताइवान जैसे देशों से हो सकती है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति और सैन्य गठजोड़ों के कारण सीधे निशाने पर हैं.
कौन से देश हो सकते हैं सुरक्षित?
हर जंग में कुछ देश ऐसे भी होते हैं जो तटस्थता, भौगोलिक स्थिति और शांतिपूर्ण नीतियों के कारण अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाते हैं. यदि विश्व युद्ध छिड़ता है तो स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड, कनाडा, आइसलैंड, स्वीडन, फिनलैंड और भूटान जैसे देशों को सुरक्षित माना जा रहा है. इन देशों की कूटनीतिक नीतियां, दूरस्थ भू-स्थिति और युद्ध में भागीदारी से दूरी इन्हें अन्य देशों की तुलना में कम खतरे में रखती हैं.
ईरान-इजरायल के बीच जारी संघर्ष अब किसी सीमित क्षेत्रीय विवाद से आगे बढ़कर पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है. यदि हालात नहीं संभले, तो यह टकराव दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकता है.