Maldives Independence Day: मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो चुके हैं. समारोह में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी मौजूद हैं. मालूम हो मालदीव 26 जुलाई 1965 को अंग्रेजों से आजाद होकर एक संपूर्ण स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ.
#WATCH | Malé: 60th Independence Day celebrations of Maldives underway at the Republic Square, in Malé.
— ANI (@ANI) July 26, 2025
Prime Minister Narendra Modi is attending the celebration as the ‘Guest of Honour’. Maldivian President Mohamed Muizzu also present.
(Source: ANI/DD News) pic.twitter.com/PgSB06AKXn
मालदीव और भारत के बीच अटूट संबंध हैं : मुइज्जू
स्वतंत्रता दिवस पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, भारत और मालदीव ने मजबूत और अटूट बंधन स्थापित किया है जो कूटनीति से परे है. मालदीव और भारत के बीच 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों पर मुइज्जू ने इसे साझा इतिहास और स्थायी साझेदारी बताया.
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Maldives Independence Day: भारत ने मालदीव को 4850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत को इस द्वीपीय राष्ट्र का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है. मोदी ने यह टिप्पणी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता के बाद की, जिसमें व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने मालदीव को 56.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (4,850 करोड़ रुपये) की ऋण सुविधा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा.
मालदीव में पीएम मोदी का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया. इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया था. इस पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं. मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नयी ऊंचाइयों को छुएगी.’’
मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद भारत और मालदीव के रिश्ते में आई थी कड़वाहट
चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘इंडिया आउट’ अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं. मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया. शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी. इसके बाद, भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया. भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था.