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Death Sentences: मौत की सजा किस देश में सबसे ज्यादा दी जाती है? मुस्लिम या ईसाई…

Death Sentences: मौत की सजा दुनिया के किस देश में सबसे ज्यादा दी जाती है? क्या अरब और खाड़ी देशों में? क्या मुस्लिम देशों में? क्या यूरोपी देशों में? भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश या फिर नेपाल, भूटान और श्रीलंका में? आइए जानतें है किस देश में सजा-ए-मौत सबसे ज्यादा दी जाती है? और क्यों?

Death Sentences: एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) की ताजा रिपोर्ट ने एक चिंताजनक रुझान को उजागर किया है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में दुनियाभर में कम से कम 1518 लोगों को मौत की सजा दी गई, जो कि 2023 की तुलना में 32 फीसदी ज्यादा है. यह पिछले 10 साल में विशेष रूप से 2015 के बाद, मौत की सजा का सबसे बड़ा आंकड़ा है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि मौत की सजा देने वाले देशों की संख्या 2023 में 16 थी, जो 2024 में घटकर 15 रह गई है.

किस देश में सबसे ज्यादा मौत की सजा? (Death Sentences)

उपलब्ध आंकड़ों में ईरान पहले नंबर पर है, जहां साल 2024 में कम से कम 972 लोगों को फांसी दी गई. इनमें 30 महिलाएं भी शामिल थीं. 2023 में यह संख्या 853 थी, यानी महज एक साल में करीब 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि यह बढ़ोतरी सिर्फ अपराध नियंत्रण के मकसद से नहीं, बल्कि आंतरिक अस्थिरता, विरोध प्रदर्शनों और शासन की आलोचना करने वालों को दबाने की नीति का हिस्सा है.

महिलाओं को भी फांसी (Death Sentences)

ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता रोया बोरौमंद ने बताया कि 2022 में 12 और 2023 में 25 महिलाओं को मौत की सजा दी गई थी. इनमें से कई महिलाओं को ड्रग्स से संबंधित मामलों में दोषी ठहराया गया, जबकि कुछ को शासन विरोधी गतिविधियों के लिए सजा दी गई. बोरौमंद के मुताबिक यह ईरानी महिलाओं के लिए एक चेतावनी है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो भेदभावपूर्ण कानूनों और सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाती हैं.

सऊदी अरब और इराक कितने लोगों को मिली मौत की सजा? (Death Sentences)

रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के बाद सऊदी अरब ने 345 और इराक ने 63 लोगों को फांसी दी. नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद जैसे अपराधों में इन देशों में मौत की सजा दी गई. एमनेस्टी का कहना है कि ईरान और सोमालिया जैसे देशों में 18 साल से कम उम्र के चार-चार किशोरों को भी फांसी दी गई, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों का स्पष्ट उल्लंघन है.

चीन में भी मौत की सजा (Death Sentences)

एमनेस्टी इंटरनेशनल का मानना है कि दुनिया में सबसे ज्यादा फांसी चीन में दी जाती है, लेकिन वहां से कोई आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आते. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, वियतनाम और उत्तर कोरिया जैसे देशों में मौत की सजा को गोपनीय रखा जाता है. चीन में भ्रष्टाचार और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में फांसी की सजा दी जाती है, जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ है. (ये जानकारी बीबीसी हिंदी के 8 अप्रैल 2025 के रिपोर्ट के अनुसार है जिसे स्वामीनाथन नटराजन ने तैयार किया है)

चीन में मौत की सजा का इतिहास काफी पुराना है. 1983 में आपराधिक गिरोहों को खत्म करने के लिए ‘स्ट्राइक हार्ड’ नीति लागू की गई थी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस दौरान मामूली अपराधों, जैसे मवेशी या वाहन चोरी पर भी लोगों को मौत की सजा दी गई थी. एमनेस्टी की 1996 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ’26 जून अंतरराष्ट्रीय नशीली दवा विरोधी दिवस’ पर चीन के विभिन्न शहरों में एक ही दिन में 230 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी गई थी.

Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

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