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नेपाल के नये प्रधानमंत्री बने ‘प्रचंड’, ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल ने दिया समर्थन

पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक यहां हुई, जिसमें सभी दल 'प्रचंड' के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमत हुए.

नेपाल में नई सरकार का रास्ता साफ हो गया है. विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दल रविवार को नाटकीय घटनाक्रम में सीपीएन-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ”प्रचंड” को अपना समर्थन देने पर सहमती जताई है. इसके बाद प्रचंड ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर पत्र सौंपा है. प्रचंड ने अपने पत्र में कहा है कि ‘उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए निर्दलीय सांसदों समेत 169 सांसदों का समर्थन हासिल है.

इन दलों ने सरकार बनाने पर जताई सहमति

पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक यहां हुई, जिसमें सभी दल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमत हुए. सीपीएन-एमसी महासचिव देब गुरुंग ने बताया कि सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी और अन्य दल संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत 165 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति कार्यालय ‘शीतलनिवास’ जाकर प्रचंड के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश करने को तैयार हैं.

ओली के आवास पर हुई बैठक

ओली के आवास बालकोट में आयोजित बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री ओली के अलावा प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन, जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अशोक राय सहित अन्य लोगों ने भाग लिया. प्रचंड और ओली के बीच बारी-बारी से (रोटेशन के आधार पर) सरकार का नेतृत्व करने के लिए सहमति बनी है और प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर ओली ने अपनी रजामंदी जतायी है.

नये गठबंधन को 165 सदस्यों का समर्थन

नये गठबंधन को 275-सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के छह और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सदस्य शामिल हैं. सीपीएन-यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे बड़ी पार्टी के रूप में नेपाली कांग्रेस राष्ट्रपति की ओर से दी गई समय सीमा के भीतर संविधान के अनुच्छेद 76(2) के अनुसार अपने नेतृत्व में सरकार बनाने में विफल रही. अब सीपीएन-यूएमएल ने 165 सांसदों के समर्थन से प्रचंड के नेतृत्व में नयी सरकार बनाने की पहल की है.

प्रचंड ने नेकां को किया खारिज

माओवादी सूत्रों ने बताया कि रविवार सुबह प्रचंड के साथ बातचीत के दौरान नेपाली कांग्रेस (नेकां) ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों प्रमुख पदों के लिए दावा किया था, जिसे प्रचंड ने खारिज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप वार्ता विफल हो गई. नेकां ने माओवादी पार्टी को अध्यक्ष (स्पीकर) पद की पेशकश की, जिसे प्रचंड ने खारिज कर दिया..इससे पहले दिन के पूर्वार्द्ध में सीपीएन-एमसी के सचिव गणेश शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”अब गठबंधन टूट गया है, क्योंकि देउबा और प्रचंड के बीच अंतिम समय में हुई बातचीत बेनतीजा रही.

(भषा- इनपुट के साथ)

Piyush Pandey
Piyush Pandey
Senior Journalist, tech enthusiast, having over 10 years of rich experience in print and digital journalism with a good eye for writing across various domains.

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