Nimisha Priya Sentenced to death in Yemen: यमन की जेल में मौत की सजा काट रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया को उनकी फांसी की तारीख बता दी गई है. यह जानकारी उनके पति टोमी थॉमस ने दी है. उन्होंने बताया कि सना की सेंट्रल जेल में बंद निमिषा ने उन्हें मैसेज भेजकर बताया कि जेल अधिकारियों ने फांसी की तारीख सुना दी है.
निमिषा को 2020 में यमन की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. उन पर जुलाई 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप है. मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम के अनुसार, फांसी की तारीख 16 जुलाई तय की गई है. सैमुअल के पास निमिषा की मां प्रेमा कुमारी का पावर ऑफ अटॉर्नी है.
राज्यपाल से मिले पति
Onmanorama के अनुसार टोमी थॉमस ने बताया है कि उन्होंने गुरुवार को केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. उनके साथ पुथुप्पल्ली विधायक चांडी ओमन भी थे. इस दौरान राज्यपाल ने यमन में रह रही निमिषा की मां प्रेमा कुमारी से वीडियो कॉल पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिया. टोमी ने कहा कि वे दिल्ली जाकर उच्च अधिकारियों से मिलने वाले थे, लेकिन राज्यपाल के आश्वासन के बाद उन्होंने योजना टाल दी.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं. “हम कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि सिर्फ बेटी की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं.” हालांकि, टोमी ने यह भी कहा कि अब तक भारतीय दूतावास की ओर से उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है.
यमन में काम करते हुए फंसी जिंदगी
2011 में निमिषा प्रिया यमन गई थीं और वहां निजी अस्पतालों में बतौर नर्स काम करने लगीं. 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे, क्योंकि यमन में गृहयुद्ध शुरू हो गया था और आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी.
2015 में निमिषा ने यमन के नागरिक तलाल के साथ मिलकर सना में एक क्लिनिक खोला. चूंकि वहां विदेशी नागरिकों को क्लिनिक खोलने की इजाजत नहीं थी, इसलिए उन्होंने तलाल की मदद ली.
आरोप है कि तलाल ने भारत यात्रा के दौरान निमिषा की शादी की एक फोटो चुरा ली और बाद में यह दावा करने लगा कि दोनों ने शादी की है. उसने क्लिनिक की कमाई पर कब्जा कर लिया, और निमिषा से मानसिक और शारीरिक हिंसा करने लगा.
बताया गया है कि तलाल ने जाली दस्तावेज बनवाकर खुद को पति बताया, निमिषा का पासपोर्ट भी छीन लिया और उन्हें धमकाने लगा. इसी से परेशान होकर निमिषा ने तलाल को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन वह मर गया. इसके बाद जुलाई 2017 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और हत्या का आरोप लगा.
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Nimisha Priya Sentenced to death in Yemen: ‘ब्लड मनी’ से कैसे बच सकती है जान
2023 में यमन की सर्वोच्च न्याय परिषद ने सजा बरकरार रखी. अब सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि निमिषा युद्धग्रस्त क्षेत्र की पीड़िता हैं और उन्हें मुकदमे के दौरान उचित कानूनी मदद नहीं मिली.
याचिका में कहा गया है कि अरबी में कबूलनामे पर उनसे जबरन दस्तखत कराए गए, जिससे वह दोषी साबित हुईं. हालांकि, यमन की अपील अदालत ने ‘ब्लड मनी’ (दिया) के जरिए समझौते की संभावना छोड़ी है, जिसमें मृतक के परिवार से माफी मिलने पर फांसी टाली जा सकती है.
परंतु भारत सरकार की ओर से 2016 से यमन यात्रा पर प्रतिबंध है और वहां कोई भारतीय समुदाय सक्रिय नहीं है, जिससे बातचीत शुरू कर पाना मुश्किल हो रहा है. याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार तत्काल राजनयिक हस्तक्षेप करे और बातचीत के लिए रास्ता बनाए.
12 साल की बेटी कॉन्वेंट में, मां करती हैं घरेलू काम
निमिषा की 12 वर्षीय बेटी इस समय केरल के एक कॉन्वेंट में रह रही है. उनकी मां एर्नाकुलम में घरेलू सहायिका हैं और पति टोमी एक ऑटो चालक हैं. सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की स्थापना 2020 में प्रवासी भारतीयों के एक समूह ने की थी. इसने भारत के अटॉर्नी जनरल से भी संपर्क किया है. Onmanorama ने यमन दूतावास (नई दिल्ली) और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से इस संबंध में आधिकारिक प्रतिक्रिया मांगी है, जिसका इंतजार किया जा रहा है.
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