23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झगड़े और तनाव के बीत पाकिस्तान-ईरान के बीच होगी बातचीत, जानिए कैसे दुश्मन बने दो ‘पक्के दोस्त’

ईरान और पाकिस्तान के तल्ख होते रिश्ते के बीत बातचीत की नई कोशिश शुरू हो रही है. खबर है कि दोनों देश संबंधों को पटरी पर वापस लाने के लिए बातचीत कर सकते हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी और ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन फोन पर बात कर सकते हैं.

पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बेहद तल्ख हो गये हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध की नौबत है. एक दूसरे की जमीन पर आतंकियों के नाम पर हमले के बाद दोनों के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. यहां तक की एक दूसरे के राजदूत को भी दोनों देशों से वापस बुला लिया है.हालत ये हैं कि दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पर जाने को तैयार हैं. रॉकेट और मिसाइल एक-दूसरे की तरफ तने हुए हैं. हालांकि इस बीच खबर है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच वार्ता हो सकती है. दरअसल, पाकिस्तान और ईरान के एक-दूसरे की भूमि पर कथित आतंकवादियों के खिलाफ मिसाइल हमलों के बाद रिश्तों में पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत हो सकती है.

ईरान-पाकिस्तान ने एक दूसरे पर किया हमला

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने गुरुवार को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में ‘आतंकी ठिकानों’ पर ड्रोन और मिसाइल से सैन्य हमले किए, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान की ओर से हमला उस समय किया गया जब ईरान की ओर से पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलूच आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू हुए. इसके दो दिनों के बाद पाकिस्तान ने एक्शन लिया. ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और सभी पूर्व निर्धारित उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं को निलंबित कर दिया.

रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश

इधर, तनाव बढ़ने की आशंकाओं को नकारते हुए दोनों पक्ष अपने संबंधों को पटरी पर वापस लाने की कोशिश में जुटे हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी और ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन आपस में फोन पर बात कर सकते हैं. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि विदेश सचिव रहीम हयात कुरैशी और उनके ईरानी समकक्ष सैयद रसूल मौसवी के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है.

ईरान ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान का दिया था साथ
गौरतलब है कि ईरान कभी पाकिस्तान का सबसे बड़ा शुभचिंतक था. 1965 और 1971 की जंग में उसने पाकिस्तान की भरपूर मदद की थी. भारत के खिलाफ पाकिस्तान को गोला बारूद और हथियारों की सप्लाई की थी. उसे तेल दिया था. यहीं नहीं विश्व मंच पर भी उसने पाकिस्तान का पूरा-पूरा पक्ष रखा था. हालांकि हाल के दिनों में हालात बदले हैं. पाकिस्तान का सबसे करीबी मित्रों में से एक ईरान उसका दुश्मन नंबर वन बन गया है. 1974 में जब पाकिस्तान के शासकों ने लीबिया के तानाशाह गद्दाफी को निमंत्रण दिया गया तो ईरान से उसकी तल्खियां बढ़ने लगी. इसके अलावा मिस्र के पाकिस्तान की करीबी ने भी ईरान को उससे दूर कर दिया. 

Also Read: ‘मुख्यमंत्री जी ऐसा होता रहता है..’, जब सिद्धारमैया के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे, प्रधानमंत्री ने ली चुटकी
Also Read: राम रहीम को चार साल में 9वीं बार मिली पैरोल, 50 दिनों के लिए जेल से बाहर आएगा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel