Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्या पाकिस्तान ने भारत के राफेल विमान को मार गिराया था? ऐसे कई सवाल आपके मन में उठ रहे होंगे? लेकिन अब इस सवाल का जवाब भी आ गया है. राफेल फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन ने इस पर जवाब दिया है. आइए जानते हैं कि क्या सच में पाकिस्तान ने भारतीय राफेल विमान को मार गिराया था?
क्या पाकिस्तान ने Rafale मार गिराया? (Operation Sindoor)
7 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के अंदर पनप रहे कई आतंकी शिविरों को निशाना बनाया. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया. इसी दौरान पाकिस्तान ने भारत के राफेल विमान मार गिराने का दावा किया. अब इसी पूरे घटनाक्रम पर राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर बयान दिया है और सच्चाई बताई है. एरिक ट्रैपियर ने फ्रांस की वेबसाइट Avion De Chasse को बताया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के समय कोई राफेल विमान नहीं गिरा. पाकिस्तान के दावे को एरिक ट्रैपियर ने “गलत और निराधार ” बताया, उन्होंने याद दिलाते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्ध में भारत ने कोई भी राफेल लड़ाकू विमान नहीं खोया. हालांकि, उन्होंने उच्च ऊंचाई पर तकनीकी खराबी के कारण, दुश्मन के संपर्क में आए बिना, एक विमान के खोने की बात स्वीकार की, जिसकी अब जांच चल रही है.
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Rafale पर भारत ने क्या कहा?
रक्षा सचिव आर. के. सिंह ने सीएनबीसी टीवी 18 से बातचीत में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल लड़ाकू विमान मार गिराए जाने की खबरें पूरी तरह गलत हैं. उन्होंने कहा, “आपने ‘राफेल्स’ शब्द बहुवचन में इस्तेमाल किया, जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. पाकिस्तान को भारत की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है, जान-माल दोनों स्तरों पर.” उन्होंने बताया कि इस अभियान में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय सेनाओं को ऑपरेशन के दौरान पूरी स्वतंत्रता दी गई थी और उन पर किसी तरह की राजनीतिक रोक नहीं थी.
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Rafale पर फ्रांस ने क्या कहा?
इसी बीच फ्रांसीसी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि चीन जानबूझकर राफेल विमानों की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत-पाक संघर्ष के बाद अपने विदेशी दूतावासों और डिफेंस अताशे के जरिए ऐसी अफवाहें फैलाई, जिनका मकसद राफेल की अंतरराष्ट्रीय छवि को कमजोर करना था. इसका खास निशाना इंडोनेशिया जैसे वो देश थे, जिन्होंने राफेल का ऑर्डर दिया है या दे सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन चाहता था कि ये देश राफेल के बजाय उसके बनाए लड़ाकू विमान खरीदें. पाकिस्तान ने इस संघर्ष के बाद दावा किया था कि उसने पांच भारतीय विमानों को गिराया, जिनमें तीन राफेल शामिल थे. हालांकि फ्रांसीसी अधिकारियों का मानना है कि यह दावा गलत है और इसका उद्देश्य सिर्फ राफेल की वैश्विक छवि को धूमिल करना था.
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