PM Modi in Maldives : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनाइटेड किंगडम की सफल राजनयिक यात्रा के बाद मालदीव पहुंचने वाले हैं. मोदी की यह यात्रा भारत और इस द्वीपीय देश के बीच एक महत्वपूर्ण राजनयिक नई शुरुआत का संकेत मानी जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी 25 से 26 जुलाई तक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर मालदीव की यात्रा पर हैं. वे मालदीव की राजधानी माले में आयोजित 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भी शामिल होंगे. यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह 2023 में मोहम्मद मुइज्जू के चुनाव के बाद भारत और मालदीव के बीच पहली उच्च स्तरीय द्विपक्षीय बैठक है. मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद माले की विदेश नीति में एक स्पष्ट बदलाव देखा गया था. उनकी नीति चीन की ओर झुकाव वाली थी. दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक सहयोग, आर्थिक साझेदारी और समुद्री सुरक्षा पर केंद्रित द्विपक्षीय वार्ता होने की भी संभावना है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि मालदीव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे. इस दौरान वे द्वीपीय देश में भारत सहायता प्राप्त कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री की यह राजकीय यात्रा राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल में किसी भी शासनाध्यक्ष की पहली राजकीय यात्रा है.” मिस्री के अनुसार, भारत-मालदीव की व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी पर बात हो सकती है. भारत के मालदीव में उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की इस द्वीप राष्ट्र यात्रा के दौरान भारत और मालदीव के बीच विभिन्न समझौतों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे.
भारत और मालदीव के बीच संबंधों में हो सकता है सुधार
प्रधानमंत्री की मालदीव यात्रा को भारत और मालदीव के बीच संबंधों को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है. यह संबंध उस समय गंभीर तनाव में आ गए थे जब नवंबर 2023 में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (जिन्हें चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है) ने पदभार संभाला था.
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मालदीव को भारत ने दी राहत
भारत ने मालदीव को महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोग देते हुए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल की अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है. यही नहीं, भारत ने मालदीव को कर्जचुकाने की मियाद बढ़ाने के अलावा करेंसी स्वैप भी किया. ये दो काम भारत की ओर से ऐसे किए गए जिसके बाद मालदीव में इंडिया आउट का नारा देने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को इंडिया इन की ओर सोचना पड़ गया.
भारत ने कैसे मालदीव को डिफॉल्ट होने से बचाया
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि भारत की मदद के बिना उनकी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाती. उन्होंने ANI से बातचीत में बताया कि 2022-23 में पर्यटन ठप होने के कारण मालदीव गंभीर आर्थिक संकट में था. विदेशी कर्ज बढ़ गया था और डॉलर की कमी थी. भारत ने समय पर अनाज, ईंधन की सप्लाई और क्रेडिट लाइन देकर मालदीव को दिवालिया होने से बचाया. नशीद ने भारत की मदद को मालदीव के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया, जो देश की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक साबित हुई.