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‘रिंग ऑफ फायर’, धरती का वो इलाका जहां थरथराती है जमीन, आते हैं यहीं सबसे ज्यादा भूकंप

Ring of Fire: रूस में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिससे जापान तक सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी. जानिए इस घटनाक्रम के पीछे कैसे 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' जिम्मेदार है, और यह क्षेत्र क्यों भूकंप और ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है.

Ring of Fire: 30 जुलाई को रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. यह भूकंप 1952 के बाद रूस में दर्ज किया गया अब तक का सबसे तीव्र भूकंप था. भूकंप के बाद रूस में बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इस भूकंप से समुद्र में करीब 4 मीटर ऊंची लहरें उठीं, जिससे जापान में भी सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया.

जापान में भी अलर्ट, न्यूक्लियर प्लांट से निकाले गए लोग

जापान ने होक्काइडो से लेकर वाकायामा प्रीफेक्चर तक कई क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की. 2011 में भी जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को ऐसी ही सुनामी ने भारी नुकसान पहुंचाया था. इसलिए एहतियात के तौर पर इस बार भी वहां के कर्मचारियों को सुरक्षित निकाल लिया गया.

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रूस में आए भूकंप से जापान में कैसे आई सुनामी?

यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि जब भूकंप रूस में आया तो जापान में सुनामी कैसे आ गई? इसका जवाब छिपा है ‘पैसिफिक रिंग ऑफ फायर’ में, जो पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों का केंद्र है. यह इलाका दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए जाना जाता है.

Ring of Fire in Hindi: क्या है ‘पैसिफिक रिंग ऑफ फायर’?

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर यानी प्रशांत अग्नि वलय, प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ एक भूगर्भीय क्षेत्र है. यह करीब 40,000 किलोमीटर लंबा है और इसमें जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और अमेरिका के कुछ हिस्से जैसे अलास्का के एल्यूटियन द्वीप शामिल हैं.

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90% भूकंप और 75% ज्वालामुखी यहीं होते हैं

इस रिंग के अंतर्गत विश्व के लगभग 90% भूकंप और 75% सक्रिय ज्वालामुखी आते हैं. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यहां पर पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल अधिक होती है. जब समुद्र के नीचे प्लेटें टकराती हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो बड़े पैमाने पर भूकंप और उसके बाद सुनामी की आशंका रहती है.

जापान में क्यों ज्यादा आता है भूकंप?

जापान इस रिंग में स्थित होने के कारण भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र है. यहां पर प्रशांत प्लेट, यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकती है, जिससे बार-बार कंपन होते हैं और समुद्र के नीचे भी हलचल होती है. यही कारण है कि जापान में भूकंप और सुनामी सामान्य घटनाएं हैं.

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