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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 50 किलोमीटर दूर के इलाके पर तालिबान का कब्जा

Taliban news : अफगानिस्तान के प्रमुख शहर गजनी, हेरात, कंधार और लोगार पर तालिबान का कब्जा हो गया है जिसकी वजह से काबुल पर खतरा मंडरा रहा है. लोगार से काबुल 90 किलोमीटर की दूरी पर है.

अफगानिस्तान (afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों (US Armry) की वापसी के बाद तालिबान (Taliban) ने अपनी ताकत बढ़ाना शुरू कर दिया है और कई अफगानी शहरों पर कब्जा करते हुए वह अब काबुल (Kabul) के निकट पहुंच गया है. समाचार एएफपी के अधिकारियों के अनुसार तालिबान ने काबुल से 50 किलोमीटर दूर दक्षिण के इलाके पर कब्जा कर लिया है और वे लगताार काबुल की तरफ बढ़ रहे हैं. तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांत में से 12 पर निश्चित रूप से कब्जा कर लिया है.


अफगानिस्तान के इन प्रमुख शहरों पर तालिबान का कब्जा

अफगानिस्तान के प्रमुख शहर गजनी, हेरात, कंधार और लोगार पर तालिबान का कब्जा हो गया है जिसकी वजह से काबुल पर खतरा मंडरा रहा है. लोगार से काबुल 90 किलोमीटर की दूरी पर है. अफगानिस्तान ने सबसे पहले गजनी पर कब्जा किया फिर गुरुवार को कंधार और हेरात पर कब्जा किया.


उरुजगान प्रांत पर भी किया कब्जा

पीटीआई के अनुसार अफगानिस्तान के दक्षिणी उरुजगान प्रांत के दो सांसदों का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों ने प्रांतीय राजधानी को तेजी से आगे बढ़ रहे तालिबान के हवाले कर दिया है. बिस्मिल्लाह जान मोहम्मद और कुदरतुल्ला रहीमी ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण की पुष्टि की. प्रांत के गवर्नर काबुल जाने के लिए हवाई अड्डे रवाना हो गये हैं.

तालिबान के कब्जे के बाद भागे अधिकारी

कंधार पर तालिबान ने बृहस्पतिवार रात को कब्जा किया, जिसके बाद सरकारी अधिकारी और उनके परिजन सुरक्षित बचने के लिए हवाई अड्डे की ओर भागे, वे सभी काबुल में शरण ले रहे हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि तालिबान लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है और वह अब काबुल का रुख कर चुका है. बृहस्पतिवार को तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था. तालिबान के लड़ाके ऐतिहासिक शहर में ग्रेट मस्जिद से आगे बढ़ गए और सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया.

दूतावास के अधिकारियों को बाहर निकालने के प्रयास तेज

अमेरिका और यूके जैसे देशों ने अपने-अपने दूतावास से अपने अधिकारियों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं और वहां सैनिकों की टुकड़ी भेजने का निर्णय किया है ताकि अधिकारियों को बाहर निकाला जा सके. तालिबान की कट्टरता उनके लिए चिंता की वजह है.

पाकिस्तान में हुआ था तालिबान का जन्म

तालिबान का उदय पाकिस्तान से हुआ है और इस शब्द का अर्थ है छात्र. तालिबान एक सुन्नी इस्लामिक आंदोल है. तालिबान पश्तो भाषा का शब्द है. यह एक कट्टरपंथी राजनीतिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य विश्व में शरीयत कानून लागू करना है. तालिबान को पाकिस्तान और सउदी अरब से फंडिंग की गयी. आज तालिबान ने अपनी ताकत इतनी बढ़ा ली है कि वह एक राष्ट्र पर कब्जा करने की स्थिति में आ गया है.

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Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar Digital Desk
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