Thailand Cambodia Conflict: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है. हालिया रॉकेट हमलों में नागरिकों की मौत और दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के ठिकानों पर जवाबी हवाई हमलों ने इस सीमा विवाद को सिर्फ राजनीतिक या भू-आर्थिक टकराव से बढ़ाकर एक संभावित सैन्य संघर्ष का रूप दे दिया है. थाईलैंड ने कंबोडिया पर नागरिक इलाकों और बुनियादी ढांचे को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जबकि कंबोडिया ने थाई फौज के प्राचीन विश्व धरोहर स्थल के पास हमले करने का आरोप लगाया है, जो इस संघर्ष की संवेदनशीलता और जटिलता को दर्शाता है. यह स्थिति न केवल दोनों देशों के बीच पुराने विवादों को और भड़काने वाली है, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने की आशंका भी पैदा कर रही है. आखिर यह युद्ध क्यों हो रहा है, आइए इसके पीछे के कारणों को आसान तरीकों से समझते हैं.
Thailand Cambodia Conflict: 11वीं सदी के प्रीह विहेर मंदिर को लेकर फिर से टकराव
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी विवाद का इतिहास कई सदियों पुराना है, जो मुख्य रूप से 11वीं सदी के प्रीह विहेर मंदिर और आसपास के क्षेत्रों को लेकर है. यह विवाद दोनों देशों की पुरानी राजनीतिक और सांस्कृतिक दावों से जुड़ा है, जो कोलोनियल एरा के दौरान बनी सीमाओं और नक्शों की अस्पष्टता के कारण आज भी जारी है.
Thailand Cambodia Temple Border Conflict in Hindi: इतिहास और विवाद की शुरुआत
प्रीह विहेर मंदिर दांगरेक पहाड़ियों में स्थित है, जिसे 9वीं से 12वीं सदी के दौरान खमेर साम्राज्य ने बनवाया था. खमेर साम्राज्य के पतन के बाद 19वीं सदी में यह क्षेत्र थाईलैंड (तत्कालीन साइएम) और फ्रांसीसी उपनिवेश कंबोडिया के बीच विवाद का केंद्र बन गया. फ्रांसीसी और साइएम के बीच 1904 और 1907 के समझौतों के तहत सीमाओं का निर्धारण हुआ, जिसमें फ्रांसीसी नक्शाकारों ने इस मंदिर को कंबोडिया की सीमा में रखा. लेकिन सीमाओं की सही व्याख्या के लिए बनी मिश्रित कमिशन ने विवादों को पूरी तरह से सुलझाया नहीं.
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A new war is approaching: Heavy fighting broke out on the border between Thailand and Cambodia, — CNN.
— Jürgen Nauditt 🇩🇪🇺🇦 (@jurgen_nauditt) July 24, 2025
The Royal Cambodian Army shelled several Thai border towns with multiple rocket launchers.
In response, Thailand closed its border with Cambodia because of these attacks.… pic.twitter.com/HwJVxxfipp
स्वतंत्रता के बाद विवाद और ICJ का फैसला
1953 में कंबोडिया की स्वतंत्रता के बाद भी यह विवाद जारी रहा. 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने फैसला सुनाया कि प्रीह विहेर मंदिर कंबोडियाई क्षेत्र में है. लेकिन मंदिर के आसपास 4.6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का विवाद खुला छोड़ दिया गया, जिससे सीमा टकराव जारी रहे. थाईलैंड ने इस फैसले को आंशिक रूप से स्वीकार किया, जबकि वहां के राष्ट्रवादी इससे नाराज रहे.
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2008 के बाद विवादों में बढ़ा और UNESCO की भूमिका
2008 में कंबोडिया ने प्रीह विहेर मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाया, जिससे थाईलैंड में असंतोष फैला और दोनों देशों की सेनाएं विवादित इलाके में तैनात हो गईं. तब से सीमा पर कई बार हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए और कई परिवार विस्थापित हुए.
हालिया घटनाक्रम और 2025 का तनाव
इस साल फरवरी से सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण रही, जब कंबोडियाई सेना और परिवारों ने ता मोआन थॉम मंदिर में राष्ट्रीय गान गाते हुए प्रवेश किया, जिससे थाई सैनिकों के साथ झड़प हुई. मई में फिर एक गोलीबारी हुई, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए. जून में थाई प्रधानमंत्री पैटोंगटर्न शिनावात्रा की कंबोडियाई नेता हुन सेन के साथ डीसकलेशन बातचीत का फोन लीक होने के बाद उनकी निलंबन की खबर आई, जिसने तनाव को और बढ़ा दिया.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद केवल सीमा का मामला नहीं, बल्कि दोनों देशों के राष्ट्रीय गर्व, इतिहास और राजनीतिक हितों का भी प्रतिबिंब है. लंबे समय से चले आ रहे इस संघर्ष को शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों पक्षों को संवाद और समझौते की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे.