Top 5 Air Forces In World: रूस-यूक्रेन युद्ध, भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव और वैश्विक भू-राजनीतिक टकरावों के बीच सैन्य तैयारियों की अहमियत लगातार बढ़ रही है. ऐसे दौर में वायु सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह युद्ध में सबसे पहले मोर्चा संभालती है और दुश्मन को पीछे धकेलने की क्षमता रखती है. हर देश अपनी वायुसेना को अत्याधुनिक बना रहा है. इसी क्रम में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया की टॉप-5 सबसे बड़ी वायु सेनाओं में अपनी जगह बना ली है.
Top 5 Air Forces In World: भारत ने हासिल किया चौथा स्थान
2025 की ग्लोबल मिलिट्री एयरपावर रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब वायु सेना के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है. भारत के पास कुल 2,296 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें वायुसेना के पास 1,776, थलसेना के एविएशन विंग के पास 267 और नौसेना के पास 253 एयरक्राफ्ट हैं. हाल के वर्षों में भारतीय वायुसेना का प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर सराहा गया है. बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सिद्धू जैसे अभियानों ने भारत की वायु शक्ति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती दी है. पाकिस्तान की बात करें तो वह यहां भी विफल साबित हुआ है और दुनिया की शीर्ष 5 वायुसेना वाले देशों से बाहर हो गया है.
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अमेरिका टॉप पर, रूस और चीन पीछे
दुनिया की सबसे बड़ी वायु सेना अब भी अमेरिका के पास है, जिसके पास कुल 14,486 एयरक्राफ्ट हैं. इसमें वायुसेना (5,057), आर्मी एविएशन (5,714), नौसेना (2,438) और मरीन कोर (1,277) के एयरक्राफ्ट शामिल हैं.
दूसरे नंबर पर रूस है, जिसके पास 4,211 एयरक्राफ्ट हैं. इनमें से 3,908 वायुसेना और 303 नौसेना के पास हैं. तीसरे नंबर पर चीन है, जो लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. चीन के पास 3,304 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 2,010 वायुसेना, 856 आर्मी एविएशन और 438 नौसेना के पास हैं. इस सूची में पांचवें स्थान पर जापान है, जिसके पास कुल 1,459 एयरक्राफ्ट हैं. इनमें 750 वायुसेना, 299 नौसेना और शेष अन्य एजेंसियों के पास हैं.
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क्यों खास है भारत की यह उपलब्धि?
भारत की यह उपलब्धि ऐसे समय पर आई है जब देश राफेल, तेजस, और अकाश मिसाइल सिस्टम जैसे आधुनिक हथियारों से अपने हवाई बेड़े को सशक्त बना रहा है. इसके अलावा, स्वदेशी निर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ की पहल ने भी भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है.
दुनिया की टॉप एयरफोर्स में जगह बनाना भारत के लिए न केवल सैन्य उपलब्धि है, बल्कि यह उसकी रणनीतिक और तकनीकी मजबूती का प्रतीक भी है. आने वाले वर्षों में भारत की वायु शक्ति और भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.