Pakistan Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए. इस अमानवीय घटना के बाद भारत सरकार ने तत्काल और कठोर फैसले लेने शुरू कर दिए. सबसे बड़ा और प्रतीकात्मक कदम रहा सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का फैसला, जिससे पाकिस्तान को जल संकट का गंभीर खतरा पैदा हो गया है.
पाकिस्तान को लगा गहरा झटका (Pakistan Terrorist Attack)
सिंधु नदी प्रणाली पाकिस्तान के लिए जल जीवनरेखा की तरह है. भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता अब तक एक शांतिपूर्ण सहमति का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन भारत ने इस समझौते को यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक यह समझौता लागू नहीं रहेगा. भारत के इस कदम से पाकिस्तान में चिंता की लहर दौड़ गई है और उसने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में उठाया.
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने दी दो टूक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान के आरोपों पर जोरदार जवाब दिया. उन्होंने पाकिस्तान पर “झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने अब तक इस समझौते का सम्मान किया है, जबकि पाकिस्तान बार-बार इसकी भावना का उल्लंघन करता आया है.
इसे भी पढ़ें: इंडियन आर्मी ने चीन के 2 सैनिकों को पकड़ा, मुंह में दबाए थे ग्रेनेड बम, देखें वीडियो
हरीश ने कहा, “भारत ने सद्भावना के साथ 65 साल पहले यह समझौता किया था, लेकिन पाकिस्तान ने इसके बाद तीन युद्ध किए और हजारों आतंकवादी हमलों के जरिए इस भावना को कुचला है. इसके बावजूद भारत ने संयम और उदारता का परिचय दिया.”
पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर
भारतीय प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र में यह भी स्पष्ट किया कि बीते 40 वर्षों में पाकिस्तान की ओर से किए गए आतंकवादी हमलों में करीब 20,000 भारतीयों की जान गई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यह दोहरी नीति एक तरफ शांति की बात करना और दूसरी ओर आतंकवाद को समर्थन देना अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
#IndiaAtUN
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) May 23, 2025
PR @AmbHarishP delivered India’s statement at the Arria Formula Meeting on Protecting Water in Armed Conflict – Protecting Civilian Lives. @MEAIndia @UN pic.twitter.com/SV0wzzW5XS
हरीश ने जोर देकर कहा, “भारत के पास सिंधु नदी के जल संसाधनों के उपयोग का वैधानिक अधिकार है, लेकिन पाकिस्तान की शत्रुतापूर्ण नीतियां इस पर अवरोध उत्पन्न करती रही हैं. इसलिए, यह आवश्यक हो गया था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को प्रोत्साहन देना बंद नहीं करता, भारत सिंधु जल समझौते को स्थगित रखे.”
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक का हिसाब
पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने केवल कूटनीतिक मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि सैन्य मोर्चे पर भी सख्त कार्रवाई की. 7 मई की सुबह भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक गुप्त सैन्य अभियान को अंजाम दिया. इस अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दिया. इन एयरस्ट्राइक्स में 100 से अधिक आतंकवादी ढेर हो गए.
पाकिस्तान इस हमले से इतना बौखला गया कि उसने भारतीय शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से जवाबी हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने हर हमले को नाकाम कर दिया. जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर हमला कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया.
पाकिस्तानी नेताओं ने मानी हार
भारत की निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के अंदर भी हलचल तेज हो गई है. कई पाकिस्तानी नेताओं और सैन्य अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि भारत के हमलों से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की यह कार्यवाही “सुरक्षा आत्मरक्षा” की श्रेणी में मानी जा रही है.
इसे भी पढ़ें: रातोंरात मुस्लिम देश ने छीन ली 26 हजार महिलाओं की नागरिकता, जानें इसके पीछे का कारण
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंक के खिलाफ “शून्य सहिष्णुता” की नीति अपनाई जाएगी. सिंधु जल समझौते को स्थगित करना केवल कूटनीतिक कदम नहीं, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश है कि अब भारत हर मोर्चे पर उसका मुकाबला करने को तैयार है चाहे वह कूटनीति हो, जल संसाधन हों या सैन्य कार्रवाई. भारत ने इस बार पाकिस्तान को एक ऐसा सबक सिखाया है जिसे वह शायद कभी नहीं भूल पाएगा.
इसे भी पढ़ें: दुनिया का वह कौन सा देश जहां एक पुरुष की 4 पत्नियां? भारत का पड़ोसी भी शामिल