US Declares TRF Terror Group: अमेरिका ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आधिकारिक रूप से एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) करार दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने यह घोषणा शुक्रवार को की और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले का विशेष तौर पर उल्लेख किया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया था. इस हमले की जिम्मेदारी TRF ने ही ली थी.
TRF को आतंकी संगठन घोषित करने का यह कदम अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति और न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. विदेश विभाग के अनुसार, यह निर्णय अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों से निपटने और आतंकवादी संगठनों पर वैश्विक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है. अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी कहा कि TRF को ‘आव्रजन और राष्ट्रीयता कानून की धारा 219’ और ‘एग्जीक्यूटिव ऑर्डर 13224’ के अंतर्गत प्रतिबंधित किया गया है. इसी के साथ लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी संगठन की स्थिति भी बरकरार रखी गई है.
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब हाल ही में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका सहित कई देशों का दौरा कर ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया था. माना जा रहा है कि TRF के खिलाफ यह कार्रवाई भारत के कूटनीतिक प्रयासों और अमेरिका के साथ उसकी बढ़ती समझदारी का नतीजा है.
इस बीच, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम हमले की साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर रची थी. सूत्रों का दावा है कि इस हमले के आदेश सीधे पाकिस्तानी सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व से मिले थे. हमले को अंजाम देने के लिए विशेष रूप से पाकिस्तानी आतंकवादियों को भेजा गया था, और स्थानीय कश्मीरी युवकों को जानबूझकर शामिल नहीं किया गया ताकि गोपनीयता बनी रहे.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लश्कर के कमांडर साजिद जट्ट को जम्मू-कश्मीर में सिर्फ विदेशी आतंकियों की तैनाती का निर्देश मिला था. हमलावरों की अगुवाई कर रहे सुलेमान नामक आतंकी के बारे में शक है कि वह पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स का पूर्व कमांडो था, जिसे 2022 में जम्मू में घुसपैठ से पहले लश्कर के मुरीदके अड्डे पर ट्रेनिंग दी गई थी. इस कार्रवाई से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ समर्थन मिला है और पाकिस्तान के चरमपंथी नेटवर्क पर वैश्विक दबाव बढ़ा है.