23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Vikram Misri: विक्रम मिश्री की दहाड़ से कांपा पाकिस्तान, TRF पर अमेरिका का आतंकी ठप्पा

Vikram Misri: पहलगाम हमले के बाद भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया. पाकिस्तान की भूमिका पर उठे सवाल, सामने आया लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन.

Vikram Misri: अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई. हमले के पीछे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नाम के आतंकी संगठन का हाथ सामने आया, जो पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा हुआ बताया गया. इस घटना के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मोर्चा खोल दिया.

विदेश सचिव ने सौंपा पुख्ता सबूतों वाला डोजियर

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 27 से 29 मई तक वॉशिंगटन डीसी का दौरा किया था, जहां उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति को TRF से जुड़े सबूतों वाला एक विस्तृत डोजियर सौंपा. इस डोजियर में TRF की आतंकी गतिविधियों, इसके कमांड ढांचे और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से इसके संबंधों के प्रमाण शामिल थे. इसके साथ ही भारत ने TRF के प्रमुख शेख सज्जाद गुल को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल करने की मांग भी की.

पढ़ें: दुनिया का इकलौता देश जिसकी नहीं है कोई राजधानी, जानें क्यों?

अमेरिका की कड़ी प्रतिक्रिया 

भारत की अपील पर अमेरिका की प्रतिक्रिया तेज और ठोस रही. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने TRF को “विदेशी आतंकी संगठन (FTO)” और “विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT)” घोषित किया. उन्होंने कहा कि हालिया आतंकी घटनाएं, खासकर पहलगाम हमला, यह साबित करती हैं कि ऐसे संगठनों पर कड़ा वैश्विक रुख अपनाना जरूरी है. अमेरिका ने भारत को इस फैसले की सूचना आधिकारिक घोषणा से चार दिन पहले ही दे दी थी.

पढ़ें: मुस्लिम देशों ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड, 90% फांसी सिर्फ तीन मुल्कों में दी गई!

Vikram Misri: भारत ने बताया कूटनीतिक सफलता

अमेरिका के इस फैसले को भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक जीत बताया है. विदेश मंत्रालय ने इसे “समय पर और बेहद अहम” कदम करार दिया, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह आतंक के खिलाफ अमेरिका की ओर से एक “मजबूत संदेश” है. भारत ने फिर दोहराया कि आतंकवाद के प्रति पूरी दुनिया को ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति अपनानी चाहिए, खासकर तब जब किसी देश की भूमिका इसमें उजागर हो चुकी हो.

क्या है TRF और कैसे करता है काम?

TRF की स्थापना 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुई थी. इसे एक “स्थानीय संगठन” के रूप में दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में सामने आया कि यह लश्कर-ए-तैयबा की एक डिजिटल शाखा है. यह संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है और सोशल मीडिया तथा एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की साजिश रचता है.

डोजियर में क्या हैं सबूत?

भारत द्वारा सौंपे गए डोजियर में TRF और लश्कर-ए-तैयबा के आपसी संबंधों, सज्जाद गुल की भूमिका और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों से मिली मदद के विस्तृत प्रमाण शामिल हैं. इसमें बताया गया है कि कैसे पाकिस्तान आतंक के चेहरे बदलकर उसे ‘स्थानीय’ आंदोलन की शक्ल देने की कोशिश करता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel