Indian Navy Officer: बीते साल जब कतर सरकार ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को रिहा किया था, तो इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना गया था. इन सभी को एक रहस्यमयी मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन अब इस घटना को 17 महीने बीत चुके हैं और इनमें से सात अधिकारी तो भारत लौट आए हैं, पर एकमात्र बचे कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अभी भी कतर में हैं. उन्हें आखिरी वक्त पर अधिकारियों ने रोक लिया और उन पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया गया.
कमांडर तिवारी के वापस न लौट पाने की वजह एक नया मामला है जिसमें उन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है. इस केस में उनके साथ छह अन्य आरोपी भी हैं, जिनमें कुछ कतर के नागरिक भी शामिल हैं. अब तक इस मामले में कुछ सुनवाइयां हो चुकी हैं, पर कार्यवाही की गति काफी धीमी है. जून में हुई पिछली सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तारीख 13 अगस्त तय की गई है.
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मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इस मुकदमे का फैसला कब तक होगा और कमांडर तिवारी कब भारत लौट सकेंगे. हालांकि वह इस समय जेल में नहीं हैं, लेकिन उन पर दोहा छोड़ने की सख्त पाबंदी है. उनके बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं, जिससे उनकी स्थिति और जटिल हो गई है.
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अगस्त 2022 में इन आठों पूर्व सैनिकों को गिरफ्तार किया गया था. 17 महीने तक जेल में रहने के बाद फरवरी 2024 में भारतीय प्रयासों के चलते उनकी रिहाई संभव हो सकी. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तिवारी भारत तभी लौट सकेंगे जब यह मामला पूरी तरह से सुलझ जाएगा और कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. भारत में कमांडर तिवारी की 80 वर्षीय मां उनका इंतजार कर रही हैं. उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें बेटे की वापसी की आस बनी हुई है.
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