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77 साल की दुश्मनी खत्म! क्या इजरायल से नहीं लड़ेगा ये मुस्लिम देश? 

Will hostility Israel Syria End After US Lifts Sanctions: 14 साल के गृह युद्ध के बाद सीरिया में हालात सुधर रहे हैं. अमेरिका ने प्रतिबंध हटाए, वहीं इजरायल से सीधी बातचीत शुरू हुई है. माना जा रहा है कि अब्राहम अकॉर्ड के विस्तार के तहत दोनों देश रिश्ते सामान्य कर सकते हैं. इससे मध्य पूर्व में बड़ा बदलाव संभव है.

Will Hostility Israel Syria End After US Lifts Sanctions: करीब 14 वर्षों तक गृह युद्ध की आग में झुलसने के बाद सीरिया अब स्थिरता की ओर बढ़ रहा है. देश में राजनीतिक और आर्थिक हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं. अमेरिका ने हाल ही में सीरिया पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं. यह फैसला उस समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल-शारा से मुलाकात की. इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि यह सिर्फ मानवीय रियायत नहीं, बल्कि एक बड़ी राजनीतिक डील का हिस्सा है.

ऐसी खबरें आ रही हैं कि सीरिया और इजरायल के बीच पहली बार सीधे स्तर पर बातचीत हुई है. यह बातचीत संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता में बैकचैनल के जरिए कराई गई. यूएई 2020 में अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा बना था और माना जा रहा है कि सीरिया-इजरायल बातचीत इसी समझौते के विस्तार की दिशा में उठाया गया कदम है. अब्राहम अकॉर्ड की शुरुआत ट्रंप प्रशासन ने ही की थी, जिसके तहत यूएई, बहरीन, मोरक्को और सूडान जैसे इस्लामिक देशों ने इजरायल को मान्यता दी थी और उससे राजनयिक संबंध स्थापित किए थे.

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विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका ने सीरिया पर से प्रतिबंध हटाने की शर्त के रूप में इजरायल से संबंध सुधारने की मांग की होगी. यदि सीरिया इस दिशा में आगे बढ़ता है, तो यह पश्चिम एशिया की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा. 1948 से दोनों देशों के बीच शत्रुता चली आ रही है और 1967 की छह दिवसीय जंग के बाद तो रिश्ते और भी बिगड़ गए थे, जब इजरायल ने सीरिया के गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था. यह मुद्दा अब भी प्रमुख बाधा बना हुआ है.

सीरिया के लेखक रॉबिन यासिन कसाब का मानना है कि इजरायल से संबंध सामान्य करना आसान नहीं होगा, जब तक कि गोलान हाइट्स के मसले पर कोई समाधान नहीं निकलता. उधर, इजरायली रक्षा मंत्री गिदिओन सार ने स्पष्ट किया है कि इजरायल गोलान हाइट्स पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा.

इसके बावजूद, सीरिया में अब ऐसी आवाजें बढ़ रही हैं जो इजरायल से रिश्ते सुधारने की वकालत कर रही हैं. गृह युद्ध, आर्थिक बदहाली और अंतरराष्ट्रीय अलगाव से थक चुके सीरियाई नागरिक अब स्थिरता और पुनर्निर्माण चाहते हैं. यही कारण है कि यह बदलाव भले ही चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन असंभव नहीं माना जा रहा. अगर यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो मध्य पूर्व में एक नया भू-राजनीतिक अध्याय शुरू हो सकता है.

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Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

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