World Top 10 Fighter Jets: कुछ विमान सिर्फ मशीने नहीं होते, वो इतिहास का हिस्सा बन जाते हैं. भारत और दुनिया के कुछ लड़ाकू विमान ऐसे रहे हैं, जो दशकों तक युद्ध में उतरे और अपनी बहादुरी की मिसाल कायम की. इनमें से कुछ अब रिटायर हो चुके हैं, जबकि कुछ अब रिटायरमेंट के करीब हैं.
मिग-21, भारत का पहला सुपरसोनिक जेट अब विदाई की ओर
भारतीय वायुसेना का सबसे पुराना और ऐतिहासिक लड़ाकू विमान मिग-21 आखिरकार 21 सितंबर 2025 को रिटायर हो रहा है. 1963 में भारत की सेवा में शामिल यह जेट देश का पहला सुपरसोनिक विमान था. करीब 62 वर्षों तक मिग-21 ने भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूती दी और कई अहम युद्धों में अपनी बहादुरी साबित की. 1971 के भारत-पाक युद्ध से लेकर कारगिल तक, इसने दुश्मनों को करारा जवाब दिया. हालांकि समय के साथ इसके तकनीकी दोष और हादसों की बढ़ती घटनाओं के कारण इसे “उड़ता ताबूत” भी कहा गया, मगर इसकी भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता.
हैवलैंड मॉस्किटो, लकड़ी से बना तेज रफ्तार योद्धा
द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन द्वारा तैयार किया गया हैवलैंड मॉस्किटो मल्टी-रोल लड़ाकू विमान अपनी तरह का अनोखा उदाहरण था. यह विमान लकड़ी से बना होने के बावजूद बेहद तेज और हल्का था. दो रोल्स-रॉयस मर्लिन इंजन द्वारा संचालित मॉस्किटो ने 1940 में पहली उड़ान भरी थी. बमबारी से लेकर टोही और रात में दुश्मन पर हमलों तक, इसने हर भूमिका में खुद को साबित किया. अब यह विमान सेवा में नहीं है, लेकिन इसका इतिहास आज भी गौरव से भरा है.
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रिपब्लिक पी-47, अमेरिकी ताकत का प्रतीक
अमेरिका का रिपब्लिक पी-47 थंडरबोल्ट भी द्वितीय विश्व युद्ध के सबसे भरोसेमंद और शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. यह लंबी दूरी तक उड़ने और दुश्मन पर जोरदार हमला करने की क्षमता रखता था. करीब 15,636 यूनिट्स का निर्माण हुआ था, जो इसे दुनिया के सबसे अधिक उत्पादित फाइटर जेट्स में से एक बनाता है. इसकी ताकत और टिकाऊपन ने इसे युद्ध के मैदान में अत्यंत प्रभावशाली बना दिया.
World Top 10 Fighter Jets: अन्य ऐतिहासिक लड़ाकू विमान
बोइंग बी-17 फ्लाइंग फोर्ट्रेस, अमेरिका का भारी बमवर्षक विमान, दूसरे विश्व युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा चुका है. वहीं, डगलस डीसी-3 एक ऐसा परिवहन विमान था, जिसने सैन्य और नागरिक उड़ानों दोनों में बड़ी भूमिका निभाई. रूसी हमला हेलीकॉप्टर मिल एमआई-24 अपनी आक्रामक क्षमता के लिए जाना जाता है और आज भी कई देशों में सीमित सेवा में है. एवरो शैकलटन समुद्री निगरानी में विशेषज्ञता रखता था, जबकि ग्रुम्मन एफ-14 टॉमकैट को ‘टॉप गन’ फिल्म के बाद दुनियाभर में ख्याति मिली.
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विमान तो रिटायर होते हैं, पर इतिहास में अमर रहते हैं
इन ऐतिहासिक विमानों ने सिर्फ युद्ध नहीं लड़े, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए साहस, तकनीक और बलिदान की मिसाल कायम की. आज जब मिग-21 जैसा जेट विदाई की ओर है, तो यह याद दिलाता है कि तकनीक के साथ बदलाव जरूरी हैं, लेकिन जो योगदान इन विमानों ने दिया, वो इतिहास में हमेशा अमर रहेगा.