Bank Repossessed Car Process: अगर आपकी बाइक या कार बैंक ने जब्त कर ली है तो घबराएं नहीं. जानिए बैंक उस गाड़ी के साथ क्या करता है, क्या आप उसे वापस पा सकते हैं, और आपकी कानूनी हक क्या हैं.
आजकल बहुत से लोग बाइक या कार फाइनेंस पर लेते हैं. आसान EMI स्कीम्स की वजह से ये प्रक्रिया तो आसान हो गई है, लेकिन अगर आप किस्त समय पर नहीं भरते हैं, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी आपकी गाड़ी खींच (जब्त) लेती है. अब सवाल यह उठता है कि बैंक द्वारा खींची गई बाइक या कार का आखिर क्या होता है? चलिए विस्तार से समझते हैं.
- पहले भेजा जाता है नोटिस
बैंक सीधे वाहन नहीं खींचता. पहले वो आपको बकाया राशि चुकाने के लिए नोटिस भेजता है. आमतौर पर आपको 15–30 दिन का समय मिलता है. इस दौरान आप EMI, पेनल्टी और अन्य चार्ज चुकाकर गाड़ी वापस ले सकते हैं.
- जब्त की गई गाड़ी जाती है नीलामी में
अगर आप तय समय में भुगतान नहीं करते, तो बैंक गाड़ी को अपने कब्जे में लेकर नीलामी (Auction) कर देता है. गाड़ी को किसी थर्ड पार्टी या ऑटो डीलर को बेच दिया जाता है. बैंक को गाड़ी बेचकर लोन की बकाया राशि वसूल करनी होती है.
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- बेचने के बाद क्या ग्राहक को पैसे मिलते हैं?
अगर बैंक गाड़ी को बेचने के बाद लोन से ज्यादा रकम वसूलता है, तो बची हुई राशि ग्राहक को लौटा दी जाती है. लेकिन अगर बिक्री में लोन की पूरी राशि भी नहीं निकलती, तो बचे लोन के लिए रिकवरी एजेंसी लगाई जा सकती है.
- गाड़ी के कागजात और RC का क्या होता है?
जब तक लोन पूरा नहीं चुकता, वाहन की RC पर Hypothecation (बंधक) लिखा होता है. नीलामी के समय RC ट्रांसफर की प्रक्रिया की जाती है. गाड़ी से Hypothecation हटवाने के लिए NOC और पूरी लोन राशि चुकानी होती है.
- क्या बैंक को गाड़ी खींचने का अधिकार है?
हां, लेकिन कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही. बैंक बिना नोटिस दिए या जबरन गाड़ी नहीं खींच सकता. यदि बैंक के कर्मचारी धमकी दें या नियम तोड़ें, तो ग्राहक बैंकिंग लोकपाल या उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकता है.
खींची गई गाड़ी तुरंत नीलामी में नहीं जाती
बैंक द्वारा खींची गई गाड़ी तुरंत नीलामी में नहीं जाती. आपको पूरा मौका दिया जाता है बकाया चुकाने का. लेकिन यदि आप समय पर किस्तें नहीं भरते, तो गाड़ी की नीलामी कर दी जाती है. बेहतर यही है कि EMI में देरी न करें और ऐसी स्थिति से बचें.
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