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Royal Enfield ने 1960 में ही बना दिया था भारत का पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर!

Royal Enfield Electric Scooter: रॉयल एनफील्ड ने भारत में बजाज चेतक से पहले 1962 में ही देश का पहला इलेक्ट्रिक स्टार्ट फैंटाबुलस स्कूटर को बाजार में उतारा था.

Royal Enfield Electric Scooter: आज जब 21 सदी के तीसरे दशक में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं, तो लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं. लेकिन, डग-डगिया बुलेट बनाने वाली दिग्गज दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी रॉयल एनफील्ड ने 62 साल पहले ही वर्ष 1962 में भारत का पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर को बनाकर बाजार में उतार दिया था. आम तौर पर रॉयल एनफील्ड को लोग मर्दाना दोपहिया वाहन डग-डगिया बुलेट के लिए जानते हैं, लेकिन यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि यह कभी इलेक्ट्रिक स्टार्ट स्कूटर भी बनाती थी. इसीलिए लोगों के जेहन में एनफील्ड बुलेट का अक्स तो अक्सरहां उभर आता है, लेकिन ज्यादातर लोग उसके इलेक्ट्रिक स्कूटर के बारे में नहीं जानते हैं. हम आपको बता देते हैं कि इस स्कूटर का नाम रॉयल एनफील्ड फैंटाबुलस था. हालांकि, यह स्कूटर अब बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी इस एंटिक वाहन के बारे में जानते हैं.

बजाज चेतक से पहले लॉन्च हुआ था रॉयल एनफील्ड फैंटाबुलस स्कूटर

दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी रॉयल एनफील्ड ने भारत में बजाज चेतक के आने से पहले वर्ष 1962 में ही देश का पहला आइकॉनिक इलेक्ट्रिक स्टार्ट फैंटाबुलस स्कूटर को बाजार में उतारा था. इसका लुक भी बजाज चेतक जैसा ही दिखाई देता है. बजाज चेतक को देखने और जानने वाले लोग इसे देखने के बाद बजाज चेतक की नकल ही कहेंगे. कंपनी का यह इलेक्ट्रिक स्टार्ट स्कूटर करीब 1970 तक बाजार में बेचा जाता रहा. यह इलेक्ट्रिक स्टार्ट सिस्टम के साथ आने वाला देश का पहला स्कूटर था, जिसने बजाज चेतक से पहले भारतीय सड़कों पर राज किया.

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रॉयल एनफील्ड फैंटाबुलस स्कूटर का लुक

रॉयल एनफील्ड फैंटाबुलस का डिजाइन बजाज चेतक जैसा ही दिखाई देता था. कंपनी की पहचान के मुताबिक स्कूटर के सभी बॉडी पैनल मैटल के बने होने के कारण यह काफी मजबूत था. इसकी बॉडी रॉयल एनफील्ड के चेन्नई में प्लांट में तैयार की जाती थी, जबकि इंजन ब्रिटेन में बनाया जाता था. इसके डिजाइन की बात करें, फैंटाबुलस स्कूटर गोलाकार हेडलाइट, गोलाकार मिरर, सिंगल-पीस सीट, चपटे साइड पैनल और पीछे स्टेपिनी मिलती थी. आगे की तरफ सामान रखने के लिए जालीदार बकेट भी आती थी.

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रॉयल एनफील्ड फैंटाबुलस का इंजन

रॉयल एनफील्ड फैंटाबुलस स्कूटर को कंपनी ने 173 सीसी, सिंगल-सिलेंडर, टू-स्ट्रोक इंजन के साथ उतारा था, जो 7.5 बीएचपी की पावर जेनरेट करता था. इसमें किक स्टार्ट के साथ इलेक्ट्रिक स्टार्टर सिस्टम भी लगाया गया था. ट्रांसमिशन के लिए इसमें 4 स्पीड गियरबॉक्स का इस्तेमाल किया गया था. स्कूटर दमदार इंजन के साथ 97 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड से दौड़ने में सक्षम था. आज भी कई लोग पुराने फैंटाबुलस स्कूटर को दोबारा रिस्टोर करके अच्छी हालत में रखने के शौकीन हैं.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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