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ऐ बाबू, योद्धा मत बनो…हेलमेट ढंग से पहनो, वर्ना ट्रैफिक पुलिस समझा देगी

Helmet Wearing Rules: दोपहिया वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस की ओर से हमेशा हिदायत दी जाती है कि हेलमेट हमेशा ब्रांडेड ही होना चाहिए. ऐसा हेलमेट खरीदना चाहिए, जिसमें गारंटी-वारंटी मिले.

Helmet Wearing Rules: सड़क पर अगर आप दोपहिया वाहन चला रहे हैं, तो योद्धा मत बनिए. खुद की सुरक्षा के सभी उपकरण अपने पास रखिए और ढंग से ढंग का हेलमेट पहनिए. क्या आप जानते हैं कि हेलमेट पहने होने के बावजूद ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काट सकती है और आप बेवजह फेर में पड़ सकते हैं. आपको यह जान लेना चाहिए कि देश में ट्रैफिक रूल ऐसा बना दिया गया है कि अगर आप हेलमेट पहनकर घर से निकले हैं और वह ढंग का नहीं है या आपने उसे ढंग से नहीं पहन रखा है, तो फिर ट्रैफिक पुलिस आपका कम से कम 2000 रुपये का चालान काट सकती है. यह नियम बेढंग तरीके से हेलमेट पहनने वालों की नकेल कसने के लिए ही लाया गया है. आइए, जानते हैं.

मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन

सरकार ने अभी हाल ही में भारत में होने वाले सड़क हादसों को कम करने और यातायात नियमों का अनुपालन कराने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है. नए नियम के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दोपहिया वाहन पर अनमने ढंग से आड़ा-तिरछा हेलमेट पहना हुआ है या फिर उसने हेलमेट तो पहना है, लेकिन उसका फीता (स्ट्रैप) को टाइट नहीं किया है, तो उस पर कार्रवाई होना निश्चित है. इतना ही नहीं, अगर कोई बिना शीशे वाला हेलमेट पहना हुआ है या फिर हेलमेट के शीशे को ऊपर चढ़ाया हुआ है, तो ऐसी स्थिति में भी उसे ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई का सामना करना होगा.

ऐसे कट जाएगा चालान

ट्रैफिक रूल्स के अनुसार, दोपहिया वाहन चालकों को सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है. इसलिए बाइक या स्कूटर चलाते वक्त हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि, कई लोग केवल खानापूर्ति के लिए हेलमेट पहनते हैं. केंद्र सरकार ने बिना बीआईएस और आईएसआई मार्क वाले डुप्लीकेट हेलमेट पर रोक लगा दी है. इसका अर्थ यह है कि इन हेलमेट को बेचना और खरीदना कानूनी तौर पर अपराध है. इतना ही नहीं, अगर आपने आईएसआई मार्क और ब्रांड वाला हेलमेट पहना हो, लेकिन उसका स्ट्रैप नहीं लगाया है, तो चालान हो सकता है. माना यह जाता है कि आपने सही तरीके से हेलमेट नहीं पहना है. इसके अलावा, अगर हेलमेट टूटा-फूटा है या उसका फेस ग्लास उखड़ा गया है, तो ट्रैफिक पुलिस चालान कर सकती है. कई लोग गर्मियों में सिर के ऊपर हेलमेट लटकाकर बाइक चलाते हैं, ऐसा करने पर भी का जुर्माना हो सकता है. इतना ही नहीं, अगर आपने कान तक आने वाले बेहद छोटे हेलमेट भी पहन रखे हैं, तो चालान कट जाएगा. हालांकि, ऐसे हेलमेट की बिक्री पर रोक लगी है.

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कैसे पहनें हेलमेट

दोपहिया वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस की ओर से हमेशा हिदायत दी जाती है कि हेलमेट हमेशा ब्रांडेड ही होना चाहिए. ऐसा हेलमेट खरीदना चाहिए, जिसमें गारंटी या वारंटी मिले. अगर कंपनी आपको हेलमेट पर वारंटी नहीं दे रही है, तो उसे नहीं लेना चाहिए. हेलमेट खरीदते समय उसके आईएसआई मार्क को भी चेक करें. हेलमेट ऐसा खरीदें जो आपके सिर में बिलकुल फिट बैठे. अगर हेलमेट ज्यादा ढीला है, तो वह दुर्घटना के समय आपके सिर से निकल सकता है. हेलमेट पहनते समय उसका बकल स्ट्रैप लगाना न भूलें. स्ट्रैप लगाने से हेलमेट आपके सिर से नहीं निकलता. अगर हेलमेट का ग्लास टूट गया है या गंदा हो गया है तो उसे बदलवा लें. यह काफी सस्ते में बदल जाता है. वहीं, अगर आप टूटा-फूटा हेलमेट इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ऐसा करने से बचें. यह हमेशा ध्यान रखें कि अच्छा हेलमेट ही पहनें.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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