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EV निर्माताओं को मोदी सरकार का होली गिफ्ट, EMP Scheme मंजूर

EMP Scheme: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि यह स्कीम इलेक्ट्रिक वाहन यूजर्स को एडवांस्ड तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा. मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा.

EMP Scheme: केंद्र की मोदी सरकार ने होली से पहले इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों और उसके खरीदारों को बड़ा तोहफा दिया है. खबर है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों और उससे जुड़े उपकरणों के निर्माण, बिक्री और खरीद को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पोर्टेबल स्कीम 2024 (ईएमपी स्कीम 2024) पर अपनी मुहर लगा दी है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस स्कीम के जरिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण बढ़ावा देने और दुनिया भर के इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस स्कीम के तहत किसी भी कंपनी को अब कम से कम 50 करोड़ डॉलर यानी 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी होगा. यह विभिन्न शुल्क रियायतों की भी हकदार होगी.

मेक इन इंडिया को बढ़ावा

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि यह भारत के इलेक्ट्रिक वाहन यूजर्स को एडवांस्ड तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा. इसके अलावा, यह स्कीम ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में उत्पादन करो) पहल को बढ़ावा देगा. इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी परिवेश को मजबूत करेगा, जिससे उत्पादन की उच्च मात्रा, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन की कम लागत और आयात में कमी आएगी. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इससे कच्चे तेल की आयात कम होगी और व्यापार घाटा कम होगा. इसके साथ ही, भारत के शहरों में वायु प्रदूषण कम होगा और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

फेम-2 स्कीम की वैधता खत्म होने से पहले ईएमपी स्कीम

बताते चलें कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से लागू की गई फेम-2 स्कीम की मियाद 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रही थी. इस स्कीम की वैधता समाप्त होने से पहले सरकार ने ईएमपी स्कीम को मंजूरी दे दी है. फेम-2 स्कीम केंद्र सरकार ने साल 2019 में फेम-2 सब्सिडी स्कीम की शुरुआत की थी. सरकार की ओर से इस योजना के लिए सबसे पहले 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बढ़ाकर 11,500 रुपये कर दिया गया था. सरकार की फेम-2 स्कीम की मियाद 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रही है.

500 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ईएमपी स्कीम के तहत सरकार 500 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. इस रकम में से करीब 493.55 करोड़ रुपये सब्सिडी और मांग प्रोत्साहन पर खर्च किए जाएंगे. वहीं, करीब 6.45 करोड़ रुपये इन्फॉर्मेशन, जागरूकता और संचार (आईईसी) गतिविधियों और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी पर खर्च किए जाएंगे. बताया यह भी जा रही है कि ईएमपी स्कीम 2024 का फोकस मुख्य रूप से कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन को बढ़ाने पर है. इसमें प्राइवेट और कॉरपोरेट स्वामित्व वाले रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को भी शामिल किया गया है.

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क्या है ईएमपी स्कीम का उद्देश्य

सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की ईएमपी स्कीम को इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास बढ़ावा मिलेगा. ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ईएमपी स्कीम के तहत करीब 3,72,215 वाहनों को अपनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें 3,33,387 इलेक्ट्रिक दोपहिया और 38,828 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन शामिल हैं.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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