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चुनाव से पहले बिहार पुलिस का ‘ऑपरेशन जिला बदर’, 5000 से अधिक अपराधियों पर होगी बड़ी कार्रवाई

Bihar Crime: बिहार में इस बार प्रशासन पूरी तरह एक्टिव मोड में है. दबंगों के दिन अब लदने को हैं, क्योंकि कानून का डंडा अब औपचारिक नहीं, कारगर साबित हो रहा है, जिन्हें जिला अपना ठिकाना लगता था, अब उन्हें ही जिला छोड़ना होगा.

Bihar Crime: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रदेश में अपराध और असामाजिक तत्वों के खिलाफ़ एक बड़ी प्रशासनिक मुहिम शुरू हो गई है. पुलिस मुख्यालय ने राज्यभर में 1268 अपराधियों पर सीसीए-3 लगाने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को प्रस्ताव भेज दिया है. इनमें से 296 मामलों में पहले ही आदेश पारित हो चुका है, जबकि शेष की जांच प्रक्रिया जारी है. यह कार्रवाई बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम के सीसीए-3 और सीसीए-12 के तहत की जा रही है, जो विशेष रूप से उन अपराधियों के लिए है, जिनकी मौजूदगी से कानून-व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है.

तीन माह के लिए सीसीए-3 का प्रस्ताव

सीसीए-3 के तहत किसी चार्जशीटेड या आदतन अपराधी पर लगाया जाता है, जिसकी गतिविधियाँ चुनाव, जन-जीवन या सामाजिक शांति में व्यवधान पैदा कर सकती हैं. ऐसे अपराधियों को जिला बदर किया जा सकता है या उन्हें थाने में नियमित हाजिरी देनी होती है. सीसीए-12-यह बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1981 की धारा 12 के अंतर्गत आता है. इसके तहत बिना किसी नए केस के भी किसी अपराधी को जेल के अंदर रखा जा सकता है, अगर आशंका हो कि उसकी रिहाई लोक व्यवस्था को प्रभावित करेगी. शुरुआत में 3 माह का आदेश होता है, जिसे बढ़ाया जा सकता है.

दो के खिलाफ सीसीए-12 का प्रस्ताव

1268 अपराधियों पर सीसीए-3 के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं. यहीं नहीं 296 पर आदेश पारित हो गया है और शेष की जाँच प्रगति पर है. पुलिस प्रशासन 5000 से ज्यादा वांटेड अपराधियों को ‘जिला बदर’ करने की तैयारी में जुटा हुआ है. सीसीए-12 के तहत जेल में बंद 50 से अधिक अपराधियों की लिस्ट तैयार है. नागमणि महतो (बेगूसराय, चेरिया बरियारपुर, कुंभी गाँव), सुनील यादव (नवादा, नारदीगंज, अब्दलपुर गाँव) इन दोनों के खिलाफ़ सीसीए-12 का प्रस्ताव भेजा गया है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज कुमार दराद ने कहा है कि चुनाव से पहले हर जिले के एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे अपराधियों की सूची बनाकर भेजें जिन पर सीसीए-3 या सीसीए-12 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है। राज्य में कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा.”

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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