Success Story: बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गांव मियाताड़ी से निकलकर सादिया परवीन ने वो मुकाम हासिल किया है, जो न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय बन गया है. रघुनाथपुर प्रखंड की सादिया जिले की पहली मुस्लिम महिला पायलट बन इतिहास रच दी हैं. उनकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि न सिर्फ उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हजारों लड़कियों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है. जो बड़े सपने देखती हैं लेकिन समाजिक बाधाओं के कारण उन्हें पूरा करने में हिचकिचाती हैं. सादिया की सफलता की कहानी पढ़िए…
बचपन से ही कुछ अलग करने का था सपना
सादिया का सपना बचपन से ही कुछ अलग करने का था. उन्होंने बताया कि उन्हें आसमान में उड़ते हुए जहाज बचपन से ही आकर्षित करते थे और तभी से उन्होंने ठान लिया था कि एक दिन वह भी पायलट बनेंगी. हालांकि, इस रास्ते में कई चुनौतियां थीं- आर्थिक सीमाएं, सामाजिक दबाव और एक पारंपरिक माहौल. लेकिन इन सभी को पार करते हुए उन्होंने अपने सपने को हकीकत बना दिया.
कोलकाता से पूरी की अपनी स्कूली पढ़ाई
सादिया ने कोलकाता से अपनी स्कूली और उच्च शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक प्रतिष्ठित एविएशन एकेडमी से दो वर्षों की पायलट ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अब वह एक प्रमाणित (लाइसेंस प्राप्त) पायलट बन चुकी हैं और फिलहाल डोमेस्टिक उड़ानों का संचालन कर रही हैं. उनका सपना है इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ाना.
बेटियां भी छू सकती हैं हर ऊंचाई
उनकी इस सफलता से उनके गांव में जश्न जैसा माहौल है. सादिया के पिता, जो एक बिजनेसमैन हैं, ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है और उन्होंने हमेशा उसे अपने सपनों को खुलकर जीने के लिए प्रेरित किया. उनकी मां ने भी भावुक होते हुए बताया कि सादिया ने परिवार ही नहीं, पूरे गांव का नाम रोशन किया है. गांववालों का भी मानना है कि सादिया ने यह दिखा दिया है कि बेटियां भी हर ऊंचाई को छू सकती हैं.
मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी काम करना चाहती हैं सादिया
सादिया ने बातचीत में बताया कि “मैं चाहती हूं कि मेरी सफलता अन्य लड़कियों के लिए एक उदाहरण बने. हर लड़की को अपने सपनों को लेकर गंभीर होना चाहिए, चाहे हालात जैसे भी हों.” वह आगे कहती हैं कि वह आगे चलकर एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी काम करना चाहेंगी, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को हौसला दे सकें.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर टिकी हैं नजरें
सादिया परवीन की यह उपलब्धि न सिर्फ सिवान जिले के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है. उनके जज्बे ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. उनकी कहानी आज उस सोच को चुनौती देती है, जो यह मानती है कि कुछ पेशे केवल पुरुषों के लिए होते हैं. सादिया ने पायलट बनकर आसमान को अपनी मंजिल बना लिया है, और अब उनकी नजरें अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर टिकी हैं.