Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया समीकरण उभर कर सामने आया है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से मौजूदा विधायक तेजप्रताप यादव ने पांच दलों के साथ मिलकर एक नया राजनीतिक मोर्चा खड़ा कर दिया है. मंगलवार को पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में तेजप्रताप ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव महुआ सीट से लड़ेंगे और गठबंधन की अगुवाई खुद करेंगे.
इन पार्टियों के साथ तेजप्रताप का गठबंधन
तेजप्रताप यादव का यह गठबंधन विकास वंचित इंसान पार्टी (वीवीआईपी), भोजपुरिया जन मोर्चा, प्रगतिशील जनता पार्टी, वाजिब अधिकार पार्टी और संयुक्त किसान विकास पार्टी को मिलाकर तैयार किया गया है. तेजप्रताप ने कहा कि इस गठबंधन का मकसद उन तबकों को साथ लाना है जो अब तक विकास और राजनीतिक हिस्सेदारी से वंचित रहे हैं.
उन्होंने कहा, “यह महज गठबंधन नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में एक वैचारिक आंदोलन की शुरुआत है. हम हाशिए पर रह गए वर्गों को सम्मान और प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए एकजुट हो रहे हैं.”
तेजप्रताप ने राजद और कांग्रेस को भी दिया न्योता
तेजप्रताप ने वीवीआईपी के नेता प्रदीप निषाद के साथ मंच साझा करते हुए उन्हें निषाद समाज का असली प्रतिनिधि बताया और कहा कि मछुआरा समाज को राजनीतिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उनकी भूमिका अहम होगी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ दल निषाद समाज के नाम पर राजनीति तो करते हैं लेकिन उनके लिए काम कुछ नहीं करते.
तेजप्रताप ने राजद और कांग्रेस को भी इस गठबंधन में शामिल होने का खुला न्योता दिया. उन्होंने कहा कि अगर ये पार्टियां वास्तव में सामाजिक न्याय की राजनीति करती हैं, तो उन्हें इस नई धुरी का हिस्सा बनना चाहिए.
हसनपुर छोड़ महुआ की राह
तेजप्रताप यादव ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे इस बार हसनपुर नहीं, बल्कि महुआ से चुनाव लड़ेंगे. महुआ वही सीट है, जहां से उन्होंने 2015 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी और पहली बार विधायक बने थे. अब एक बार फिर वह उसी सीट से अपनी “नई राजनीतिक धारा” की शुरुआत करने जा रहे हैं.
नई राजनीति की ओर कदम
तेजप्रताप यादव लंबे समय से अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश में लगे थे. कभी शिवभक्ति और कभी कृष्णभक्ति के जरिए वे खुद को अन्य नेताओं से अलग दिखाते रहे हैं. लेकिन इस बार उनका अंदाज बदला-बदला है. वो संगठित रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
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