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IAS Success Story: गांव में रातें, 10 दिनों का Trek, बक्सर के लाल IAS अंशुमन राज ने बताई LBSNAA की ट्रेनिंग की कहानी 

IAS Success Story: आज हम एक ऐसा आईएएस की कहानी जानेंगे जिनका बचपन आर्थिक तंगी में बीता. उन्होंने गांव में रहकर लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की है. साथ ही जानेंगे कि आईएएस का इंटरव्यू कैसा होता है और किन चुनौतियों का सामना करना होता है. आइए, जानते हैं बक्सर जिले के रहने वाले IAS अंशुमन की कहानी-

IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी परीक्षा क्रैक करना इतना आसान नहीं है. लेकिन कई लोग हैं जो संसाधन के अभाव और आर्थिक तंगी से जूझकर भी अपने सपने को पूरा करते हैं. वो कहते हैं न मेहनत से पत्थर भी पिघलाई जा सकती है. कुछ ऐसी ही कहानी है आईएएस अधिकारी अंशुमन राज (IAS Anshuman Raj) की, जिन्होंने लैंप की लाइट में पढ़ाई की, कई मुसीबतों का सामना किया लेकिन अंतत: अपनी मंजिल हासिल कर ली.

IAS Success Story: गरीबी में बीता बचपन 

अंशुमन जब छोटी उम्र के थे तो लैंप में पढ़ाई किया करते थे. वहीं जब बड़े हुए तो उनके पास कोचिंग के पैसे नहीं थे. कुल मिलाकर अंशुमन राज ने मुसीबतों का पहाड़ तय करके सफलता हासिल की है. उन्होंने बचपन से ही आर्थिक तंगी देखी लेकिन भी हार नहीं मानी. अंशुमन बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. उनकी मां शिक्षा मित्र का काम करती थीं और पिता राइस मिल का बिजनेस चलाते थे. हालांकि, कुछ समय बाद उनके पिता को बिजनेस में काफी लॉस हुआ और साथ ही वे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए.

IAS Anshuman Raj Education: कहां से हुई पढ़ाई-लिखाई? 

अंशुमन की 10वीं तक की पढ़ाई गांव के जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई. इसके बाद उन्होंने 12वीं कक्षा की पढ़ाई रांची स्थित जवाहर विद्यालय (JNV Ranchi) से की. 12वीं की पढ़ाई के बाद उन्होंने मरीन इंजीनियरिंग की और फिर नौकरी लग गई. लेकिन वे अपनी नौकरी से खुश नहीं थे. कई बार यूपीएससी में बैठने का विचार आया. 

IAS Success Story: चौथे प्रयास में हासिल की सफलता 

अन्य कैंडिडेट्स की तरह अंशुमान ने यूपीएससी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. उन्होंने अपना पहला अटेंप्ट 2016 में दिया, प्रीलिम्स तो क्वालिफाई कर लिया लेकिन मेन्स में चंद अंकों से चूंक गए. दूसरे अटेंप्ट में वे इंटरव्यू तक पहुंचें लेकिन इस बार भी सफलता नहीं मिली. तीसरा अटेंप्ट में उनका सेलेक्शन IRS के लिए हुआ. लेकिन उन्हें IAS कैडर चाहिए था. ऐसे में अंशुमन ने एक बार फिर परीक्षा दी और वर्ष 2019 में अपने चौथे प्रयास में AIR 107वीं के साथ सफलता हासिल कर ली. 

IAS Training: कैसी रही आईएएस की ट्रेनिंग 

अंशुमन राज ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि LBSNAA में ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि जिससे आपके व्यक्तित्व में निखार आए. इसके लिए फाउंडेशन कोर्स ऑफर किया जाता है, जिसमें 10 दिनों का ट्रेक और रूलर विजिट होता है. वहीं करीब 12 घंटे की ट्रेनिंग होती है, जिसकी शुरुआत सुबह 6 बजे होती है. इस दौरान स्पोर्ट्स, हॉबी क्लासेज आदि होता है. इसके अलावा IAS को एडमिनिस्ट्रेशन, क्राउड मैनेजमेंट जैसे मुद्दों पर सेशन दिए जाते हैं, जिसमें एक्सपर्ट आते हैं. वहीं फेज 2 में आईएएस की डिस्ट्रिक ट्रेनिंग शुरू होती है ताकि उन्हें इस क्षेत्र को गहराई से समझने का मौका मिले. 

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Shambhavi Shivani
Shambhavi Shivani
शाम्भवी शिवानी पिछले 3 सालों से डिजिटल मीडिया के साथ जुड़ी हुई हैं. उन्होंने न्यूज़ हाट और राजस्थान पत्रिका जैसी संस्था के साथ काम किया है. अभी प्रभात खबर की डिजिटल टीम के साथ जुड़कर काम कर रही हैं. शाम्भवी यहां एजुकेशन और नौकरी की खबरें देखती हैं. इसके अलावा वे सिनेमा और साहित्य में भी रुचि रखती हैं.

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