International Sports Day 2025 in Hindi: हर साल 6 अप्रैल को ‘विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस’ मनाया जाता है. यह दिन इसलिए खास है क्योंकि खेल सिर्फ खेलने का जरिया नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने, समानता लाने और शांति फैलाने का भी सशक्त माध्यम है. संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में इस दिन को मनाने की घोषणा की थी ताकि लोग यह समझ सकें कि खेलों के जरिए समाज में बदलाव लाया जा सकता है. यह दिन 1896 में आयोजित पहले ओलंपिक खेलों की याद में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 6 अप्रैल को हुई थी.
International Sports Day 2025: थीम क्या है?
इस साल यानी 2025 में इस दिन की थीम है, “खेल के मैदान को बराबर बनाना, सभी को साथ लेकर चलना.” इसका मतलब है कि खेल ऐसा होना चाहिए जिसमें कोई भेदभाव न हो, न जाति, न धर्म, न लिंग और न ही किसी की आर्थिक स्थिति के आधार पर. हर किसी को खेलने और आगे बढ़ने का समान मौका मिलना चाहिए.
भारत में खेलों की भूमिका
भारत में क्रिकेट, कबड्डी और हॉकी जैसे खेलों ने लोगों को आपस में जोड़ा है. देश भर से खिलाड़ी आकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं. सरकार खेलों को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए ‘खेलो इंडिया’, टॉप्स योजना और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे कार्यक्रम चला रही है. खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण और सहायता दी जा रही है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों और कल्याण कोष के माध्यम से खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है. इन प्रयासों का उद्देश्य हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने का अवसर देना है.
क्या सिखाता है ये दिन?
अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 हमें सिखाता है कि खेल केवल मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए हम सभी को खेलों के माध्यम से एक बेहतर और समावेशी समाज का निर्माण करना चाहिए. जैसा कि नेल्सन मंडेला ने कहा था, “खेल में दुनिया को बदलने की ताकत है. इसमें लोगों को प्रेरित करने की ताकत है. इसमें लोगों को एकजुट करने की ताकत है, जैसी ताकत बहुत कम चीजों में होती है.”
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