akshara singh :भोजपुरी फिल्मों की सितारा अभिनेत्री अक्षरा सिंह इनदिनों हिंदी गीत संगीत के परिदृश्य में भी अपनी जमकर उपस्थिति दर्शा रही हैं. होली के इस मौसम में वह दर्शकों के लिए हिंदी गीत जोगीरा सारा रा रा लेकर आयी हैं. हाल ही में यह गाना रिलीज हुआ है. जिसमें वह अभिनेता विशाल सिंह के साथ नज़र भी आ रही हैं. होली की मस्ती ,रंग और धमाल में सराबोर इस होली गीत, होली से जुड़ी यादों पर उर्मिला कोरी से हुई खास बातचीत
हिंदी गीत जोगीरा सारा रा रा की मेकिंग के बारे में कुछ बताइये ?
सबसे पहले मैं ये बात कहना चाहूंगी कि इसमें हिंदी शब्द हैं,लेकिन इसकी खुशबू पूर्वांचल वाली है.गाना पूरी तरह से यूपी और बिहार का फील लिए हुए है. यूपी , बिहार और पूर्वांचल से बेहतर और इस त्यौहार को कहां मनाया जा सकता है.इसमें बिहारी लोगों का जमावड़ा है. विशाल सिंह और मैं ही नहीं बल्कि गाने के कंपोजर और लेखक भी बिहारी ही हैं. वैसे मैं और विशाल पहली बार इस गाने में साथ में काम कर रहे हैं.विशाल को मैं काफी समय से जानती हूं क्योंकि मेरी माँ और विशाल ने सीरियल बेगूसराय में साथ में काम किया था.जिस वजह से हमारी दोस्ती भी हो गयी थी. सर्विस वाली बहू के सेट पर एक बार वह मेरी मां के साथ मुझसे मिलने आये थे.उसके बाद हम ज्यादा भले ना मिले हो,लेकिन हमारी बॉन्डिंग रही.हम साथ में काम करने वाले थे.कई बार हमारी बातें लेकिन चाहकर भी हम साथ काम नहीं कर पा रहे थे जैसे ही जोगीरा सारा रा गीत बना मैंने तुरंत विशाल को फ़ोन किया और उसने फ़ोन पर ही होली सांग सुनते ही हां कह दिया और कहा कि गाना भेज दो. गाना भी विशाल को बहुत पसंद आया , जिसके बाद हम लोग तुरंत बनारस गए और वहीँ पर सेट लगाकर इस गाने को शूट भी कर लिया.
जोगीरा की शूटिंग से जुड़ी चुनौतियां क्या थी ?
धूप बहुत तेज थी. इसके साथ ही होली वाले गानों की शूटिंग के वक़्त दिक्कत ये होती है कि आपको कलर लग गया तो बार -बार मेकअप बदलना पड़ता है और शूटिंग में यह हो ही जाता है. हमने ये गाना दो दिन में भाग -भाग के पूरा किया.
होली का पसंदीदा व्यंजन क्या है
पुआ, दही वडा,कटहल की सब्जी हरा चना का घुघनी ये सब मैं बहुत चाव से खाती हूं. पुआ तो मैं जमकर खाती हूं. वैसे मैं खाने में ही नहीं बनाने में भी माहिर हूं.
बचपन की होली की क्या यादें रही हैं ?
बचपन में सुबह सरसों तेल लगाकर उसके ऊपर पोटीन वाला सिल्वर कलर लगाते थे। कहा जाता था कि उसमें कलर ज्यादा चढ़ता नहीं है तो वो बहुत करते थे, हालाँकि उसके बाद भी कलर चढ़ ही जाता था. हुड़दंग के साथ होली खेलती थी. खूब सारे रंग लगाते थे और गुब्बारे भी फोड़ते थे. फिर शाम में नए कपडे पहनकर अबीर गुलाल लेकर घर -घर घूमकर सबके पैर में अबीर देकर आशीर्वाद लेते थे.
कभी होली खेलते हुए अजीबोगरीब घटना भी हुई है ?
मेरे आँख पर एक निशान है, जो होली की वजह से ही आया है. बिहार में सिल्वर कलर वाला पोटीन लगाने का रिवाज है. वो लगाकर बहुत सारे लोग आ रहे थे और मैं खेलने के लिए नीचे आयी ही थी. उनको देखकर दौड़कर भागने लगी. तब तक पैर फंसकर गिर गयी और आंख के पास सरिया आकर लग गया था.उसके बाद हॉस्पिटल लेकर घर वाले भागे.आज भी वह निशान मेरे आंख के पास है.
यादगार होली कौन सी है ?
मेरे लिए हर वो होली यादगार होती है, जो अपने घर और परिवार के लोगों के साथ मनाई जाए. होली का असली मजा यूपी और बिहार में ही आता है. होली मैं मुंबई में नहीं पटना में मनना सबसे ज्यादा पसंद करती हूं. घर पर सुबह से तेज आवाज में गाने बजाकर जमकर मम्मी पापा के साथ होली खेलती हूं. इसके अलावा बनारस और यूपी भी चली जाती हूं. वृंदावन पिछले साल गयी थी. बहुत ही यादगार होली थी. कोई किसी को जानता नहीं है, लेकिन बहुत ही अपनत्व के साथ सभी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे.होली का असली मजा यही है. यही सभी लोगों को एकजुट करता है.
इस बार किस तरह से होली को सेलिब्रेट करने वाली है ?
इस बार होली के दिन मुंबई में ही रह सकती हूं, लेकिन अपने परिवार के साथ ही इसे सेलिब्रेट करूंगी. मैंने घर में सभी को हिदायत दे दिया है कि सब एक साथ रहेंगे. मेरी कोशिश पिछली साल की तरह इस बार भी वृन्दावन जाने की है. होली के एक दो दिन पहले शायद वहां जाऊं.
एक्ट्रेस होने के नाते हमेशा खूबसूरत दिखने का दबाव रहता है, ऐसे में होली के दौरान अपने स्किन और बालों का कैसे ख्याल रखती हैं ?
मैं दम भर के होली खेलती हूं. आजकल लाइफ में लोग बहुत सीरियस हो गए हैं कि वो मस्ती , मजाक सबकुछ खोते जा रहे हैं.मैं वो सब खोना नहीं चाहती हूं. मैं आज भी होली को वैसे ही सेलिब्रेट करती हूं. मैं खुद सबको गुलाल और रंग लगाती हूं तो मुझे भी सब भर -भर के लगाते हैं फिर अपना घरेलू उपाय करके सब साफ़ हो जाता है. सरसों का तेल बेस्ट होता है. रंग आराम से उतर जाता है. ज्यादा हुआ तो उसके बाद बेसन का उबटन लगा लिया.
फराह खान ने बीते दिनों कहा था कि होली छपरियों का त्यौहार है उनके इस कमेंट पर आप क्या कहना चाहती हैं?
मजा आता है भाई छपरी बनने में. साल में एक बार छपरी बनना भी चाहिए. इतना अधिक सॉफिस्टिकेटेड बन जाएंगे ,तो जिंदगी जीने का मजा कैसे आएगा. मैं तो कहूंगी कि होली पर आई लव टू बी छपरी . इस बात को कहने के साथ मैं ये भी कहूंगी कि फराह खान की ऐसी शैली ही है. बम्बईया भाषा में जो लोग बात करते हैं. वो ऐसे ही बात करते हैं.हमारा नजरिया बहुत नेगेटिव होता जा रहा है. हमलोग छोटी -छोटी चीजों और बातों को पकड़ लेते हैं. अरे जाने दीजिये. पाँचों उंगलियां बराबर नहीं होती है.
सोशल मीडिया पर प्यार बहुत मिलता लेकिन कई बार लोगों का टारगेट भी आप बनते हैं, इसको किस तरह से हैंडल करती हैं ?
मैं ऐसे कई लोगों को जानती हूं , जो सोशल मीडिया की रोस्टिंग की वजह से डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं , लेकिन मैं ऐसी नहीं हूं. सोशल मीडिया तो छोड़िये अगर कोई मेरे सामने भी आकर कुछ टिप्पणी करेगा तो हट बे कहकर आगे बढ़ जाउंगी. मैं बहुत गट्स वाली लड़की हूं.
हिंदी में गाने गा रही हैं क्या हिंदी फिल्म या वेब सीरीज में भी नजर आने वाली हैं ?
कुछ अच्छा ऑफर हुआ तो जरूर करना चाहूंगी. वैसे बहुत सारी बातें चल रही हैं. हिंदी में गाने से जुड़ने की वजह यह है कि अब लोगों को यूपी बिहार की कहानियां ही नहीं वहां का गीत संगीत भी अपनी कहानियों में जोड़ रहा है. शायद जल्द ही आपलोगों के साथ अच्छी खबर शेयर करूं .