फिल्म रिव्यू: आंखों की गुस्ताखियां
निर्माता: मानसी बागला, वरुण बागला, विपिन अग्निहोत्री
निर्देशक: संतोष सिंह
बैनर: जी स्टूडियोज, मिनी फिल्म्स, ओपन विंडो फिल्म्स
कहानी पर आधारित: रस्किन बॉन्ड की लघुकथा The Eyes Have It
मुख्य कलाकार: विक्रांत मैसी, शनाया कपूर
संगीत: विशाल मिश्रा
गीतकार: मनोज मुंतशिर
गायक: जुबिन नौटियाल
रेटिंगः 3.5/5
Aankhon Ki Gustaakhiyan Review: विक्रांत मैसी और शनाया कपूर स्टारर फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ आज रिलीज हो गई है. इन फिल्म से शनाया बॉलीवुड में डेब्यू कर रही है. फिल्म की कहानी एक ट्रेन यात्रा में मिले दो अजनबियों की गहरी प्रेम कहानी है. विक्रांत ने एक दृष्टिहीन संगीतकार की भूमिका प्ले कर रहे हैं, जबकि शनाया एक थिएटर आर्टिस्ट है. दोनों ट्रेन में मिलते हैं और ट्रेन के सीमित समय और स्पेस में दोनों के बीच पनपती है एक ऐसी मोहब्बत जो शब्दों से नहीं, सिर्फ खामोशियों से कही जाती है.
विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की दमदार एक्टिंग
विक्रांत मैसी ने एक बार फिर से अपनी एक्टिंग से सबको दीवाना बना दिया है. उनकी आवाज और उनके चेहरे पर एक अलग तरह की भावना दिखती है, जब वह डायलॉग कहते हैं. शनाया कपूर की ये पहली फिल्म है, लेकिन उनकी सादगी और फ्रेशनेस फिल्म के टोन के साथ मेल खाती है. निर्देशक संतोष सिंह ने बेहद संवेदनशील तरीके से एक सरल कहानी को दिखाया है. ऐसे कई सीन्स है फिल्म में जिससे दर्शकों की नजर हट नहीं पाएगी. ट्रेन के सीन, कैमरा मूवमेंट और भावनात्मक आर्क को बेहद खूबसूरती से फिल्माया गया है.
‘आंखों की गुस्ताखियां’ टाइटल सॉन्ग यूजर्स को आया पसंद
फिल्म को प्रोड्यूस किया है मानसी बागला और वरुण बागला ने जिनका उद्देश्य सिर्फ कहानी नहीं, बल्कि एहसास दिखाना रहा है. जी स्टूडियोज, मिनी फिल्म्स और ओपन विंडो फिल्म्स ने प्रोडक्शन क्वालिटी पर कोई समझौता नहीं किया. ट्रेन के सीमित सेटअप को रियलिस्टिक रखा गया है और सिनेमेटोग्राफी में बेहद सटीकता दिखाई देती है. फिल्म का म्यूजिक विशाल मिश्रा द्वारा दिया गया है. गीतकार मनोज मुंतशिर के शब्द और ‘आंखों की गुस्ताखियां’ टाइटल सॉन्ग जुबिन नौटियाल ने गाया है.
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