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Health Benefits of Pippali: औषधीय गुणों से युक्त इस मसाले के सेवन से मिलते हैं कमाल के लाभ, जानिए कैसे किया जाता है इसका उपयोग

भारतीय रसोई में पाया जाने वाला गरम मसाला पिप्पली को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया जाता है. इसका कारण इसमें मौजूद औषधीय गुण हैं.

Health Benefits of Pippali: पिप्पली एक गरम मसाला है. अमूमन हर भारतीय रसाई में आपको यह मिल जायेगा. औषधीय गुणों से युक्त इस मसाले को आयुर्वेद में बहुत महत्व प्राप्त है. आयुर्वेद में इसे कई नामों से जाना जाता है- पिप्पली, मागदी, कृष्णा, वैदेही, चपला और कणा. यह जड़ी-बूटी वात और कफ नाशक होता है. इस औषधि में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, अमीनो एसिड और खनिज पदार्थों की मौजूदगी के साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. इस कारण इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है. शहद के साथ इसका सेवन बेहद लाभकारी साबित होता है.

पिप्पली के सेवन से मिलने वाले लाभ

गैस, अपच में लाभकारी : पिप्पली का सेवन हमारे पाचन तंत्र को सक्रिय कर इसमें सुधार लाता है. इसके सेवन से हमारे भोजन को पचने में मदद मिलती है, जिससे गैस, अपच जैसी समस्या से हमें राहत मिलती है. यह कब्ज से भी राहत दिलाता है.

खांसी-सर्दी में लाभदायक : इस औषधि का सेवन सर्दी और खांसी की समस्या को दूर करने में मददगार साबित होता है. इतना ही नहीं, इसका सेवन दमा समेत सांसों से जुड़ी कई परेशानियों में भी राहत देता है.

मोटापा दूर करता है : इस जड़ी-बूटी के सेवन से शरीर से अतिरिक्त चर्बी को दूर करने में मदद मिलती है, इससे हमारा मोटापा दूर होता है और वजन नियंत्रण में बना रहता है.

इम्यूनिटी को बढ़ाता है : जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उनके लिए पिप्पली का सेवन रामबाण साबित हो सकता है. इसके सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिस कारण हम संक्रमण व कई बीमारियों से बचे रहते हैं.

स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक : इसका सेवन हमारी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है. यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के साथ ही एकाग्रता को भी बढ़ाता है. जो नींद नहीं आने की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए इस औषधि का सेवन काफी लाभदायक हो सकता है.

उपरोक्त समस्याओं के साथ ही पिप्पली का सेवन शरीर दर्द और गठिया से भी राहत दिलाता है. कोमा और नींद न आने की समस्या में इसका उपयोग सूंघनी (snuff) के तौर पर किया जाता है. वहीं अनिद्रा और मिर्गी से पीड़ित लोगों के उपचार के लिए सेडेटिव के रूप में भी इसका उपयोग होता है. माना जाता है कि यह जड़ी-बूटी कैंसर से लड़ने में भी सहायक हो सकती है.

सेवन करने का तरीका

पिप्पली के सेवन करने के कई तरीके हैं. इसे आप टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं और चूर्ण के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, इसके चूर्ण को पानी में घोलकर भी पिया जा सकता है. शहद के साथ पिप्पली के चूर्ण का सेवन खांसी और सांसों से जुड़ी समस्याओं और बुखार को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकता है. रोज सुबह शहद में पिप्पली का चूर्ण मिलाकर खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है. इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. ऐसे में अधिक मात्रा में सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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