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Health Tips: क्या आपको डायबिटीज है, न हों परेशान, इन उपायों से ब्लड शुगर लेवल रहेगा कंट्रोल में

डायबिटीज रोगियों के लिए शुगर कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है. परंतु कई रोगियों को इसमें मुश्किल आती है. पर जीवनशैली में बदलाव लाकर हम ऐसा कर सकते हैं.

Health Tips: भारत में मधुमेह (डायबिटीज) एक आम बीमारी बन चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग आठ करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, और लगभग ढाई करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं. इसका अर्थ है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में से 10.5 प्रतिशत मधुमेह से पीड़ित हैं. यह आंकड़ा चिंताजनक है. ऐसे में हमें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है. जानते हैं विशेषज्ञ से, कैसी होनी चाहिए मधुमेह रोगियों की दिनचर्या.

प्रो महेश व्यास
डीन, पीएचडी, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, दिल्ली

मधुमेह में रक्त शर्करा का स्तर, यानी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के साथ-साथ इस रोग की जटिलताओं को रोकने के लिए आहार (आहार व्यवस्था) और विहार (जीवनशैली) की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है. आहार के अलावा, आयुर्वेद में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बनाये रखने के लिए दिनचर्या (उचित दैनिक दिनचर्या) और ऋतुचर्या (संतुलित मौसमी व्यवस्था) के रूप में जीवनशैली में बदलाव का उल्लेख किया गया है. आयुर्वेद ग्रंथों में बताये गये दिनचर्या और ऋतुचर्या के माध्यम से डायबिटीज रोगी निम्न उपायों को अपनाकर स्वस्थ बने रह सकते हैं.

इन्हें भी जानें: कहीं आपको भी डायबिटीज तो नहीं, जानिए क्या होते हैं इसके लक्षण

ऐसे बने रहेंगे स्वस्थ

  • समय पर आहार लें.
  • चावल, कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन और तले हुए या प्रसंस्कृत भोजन का सेवन कम करें.
  • नियमित व्यायाम करें, खासकर पैदल चलना. शारीरिक क्षमता के अनुसार 30 से 40 मिनिट नियमित पैदल चले.
  • भोजन के पश्चात कुछ दूर पैदल चलें.
  • योग विशेषज्ञ की देखरेख में योग, ध्यान आदि का नियमित अभ्यास करें.
  • मधुमेह में मंडूकासन, सूर्यनमस्कार, वज्रासन, भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, अर्धमत्स्येंद्रासन विशेष रूप से लाभकारी होते हैं.
  • कपालभाति, अनुलोम- विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी प्राणायाम करने से भी लाभ मिलता है.
  • त्रिफला, नागरमोथ आदि का नियमित सेवन करें.
  • ऋतु अनुसार पंचकर्म उपचारों का प्रयोग करना भी लाभकारी होता है.
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग (आइएफ) भी डायबिटीज में उपयुक्त मानी गयी है. आइएफ के अंतर्गत एक निश्चित समय के लिए सभी खाद्य पदार्थों और कैलोरी युक्त पेय पदार्थों से परहेज करना, या कुछ समय के लिए खाद्य पदार्थों और कैलोरी युक्त पेय पदार्थों के सेवन को काफी हद तक सीमित कर देना होता है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • मीठे और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नियंत्रित करें.
  • गन्ने का रस, गुड़, चीनी और दूध से बने उत्पादों के अत्यधिक सेवन से बचें.
  • गतिहीन जीवनशैली न अपनाएं. शारीरिक गतिविधियां कम न रखें. एक जगह पर बैठे रहने की आदत न डालें.
  • दिन में सोने और अत्यधिक सोने से बचें.
  • न तो शराब का अत्यधिक सेवन करें, न ही प्रतिदिन इसे लें.
  • लंबे समय तक उपवास न करें.
  • कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, बर्गर-पिज्जा और अन्य फास्ट फूड आदि का अत्यधिक सेवन न करें.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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