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New born Baby Care: बच्चे के पेरेंट्स को पता होनी चाहिए ये जरूरी बातें, वरना हो सकती है परेशानी

New born Baby Care: खासकर पहली बार माता-पिता बनने वालों के लिए. भोजन और नींद से लेकर स्वच्छता और स्वास्थ्य तक, नवजात शिशु की देखभाल शुरू में बहुत बोझिल लग सकती है. इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि कैसे नए बच्चों का ख्याल रख सकते हैं.

New born Baby Care: नए बच्चे के लिए मां- बाप के साथ साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखना होता है.  एक नवजात शिशु का इस दुनिया में स्वागत करना एक सुखद और जीवन बदल देने वाला अनुभव होता है, लेकिन इसके साथ कई सवाल भी आते हैं—खासकर पहली बार माता-पिता बनने वालों के लिए.  भोजन और नींद से लेकर स्वच्छता और स्वास्थ्य तक, नवजात शिशु की देखभाल शुरू में बहुत बोझिल लग सकती है.  इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि कैसे नए बच्चों का ख्याल रख सकते हैं.

अपने नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?

नवजात शिशुओं को हर 2-3 घंटे में दूध पिलाना चाहिए.  यानी 24 घंटे में 8-12 बार.  चाहे स्तनपान करा रहे हों या फ़ॉर्मूला दूध, भूख के संकेतों जैसे कि खर्राटे लेना, उंगलियाँ चूसना या बेचैनी पर ध्यान दें.

कैसे पता चलेगा कि शिशु को पर्याप्त दूध मिल रहा है?

इसके लक्षणों में नियमित रूप से गीले डायपर (पहले हफ़्ते के बाद कम से कम 6 डायपर प्रतिदिन), लगातार वज़न बढ़ना, सक्रिय सतर्कता और दो बार दूध पिलाने के बीच अच्छी नींद लेना शामिल हैं.

अपने शिशु के गर्भनाल के टुकड़े की देखभाल कैसे करनी चाहिए?

इसे सूखा और हवा के संपर्क में रखें.  इसे डायपर से कसकर ढकने से बचें.  यह आमतौर पर 1-2 हफ़्तों में उतर जाता है.  अगर आपको लालिमा, मवाद या दुर्गंध दिखाई दे, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

अपने नवजात शिशु को कितनी बार नहलाना चाहिए?

हफ़्ते में 2-3 बार नहलाना काफ़ी है.  रोज़ाना नहलाने से उनकी नाज़ुक त्वचा रूखी हो सकती है.  जब तक गर्भनाल का टुकड़ा न गिर जाए, टब में नहलाने की बजाय स्पंज बाथ दें. 

शिशु को बेहतर नींद कैसे दिलाऊँ?

एक नियमित नींद की दिनचर्या बनाए रखें, शिशु को धीरे से लपेटें, और सोने से पहले उसे ज़्यादा उत्तेजित न करें.  अपने शिशु को पीठ के बल सुलाएँ, एक मज़बूत गद्दे वाले पालने में, और बिना ढीले बिस्तर के.

क्या  शिशु का बहुत रोना सामान्य है?

हाँ, रोना नवजात शिशुओं का संवाद करने का तरीका है.  यह भूख, बेचैनी, थकान या दुलार की ज़रूरत का संकेत हो सकता है.  अगर आपका शिशु बहुत ज़्यादा रोता है और उसे शांत नहीं किया जा सकता, तो पेट दर्द या बीमारी की संभावना को दूर करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prerna
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"As a passionate lifestyle journalist, I specialize in capturing the essence of everyday living — from wellness trends and fashion insights to food, travel, and culture. With a keen eye for detail and a love for storytelling, I strive to bring inspiring, informative, and engaging content that connects with readers on a personal level. My goal is to explore how lifestyle choices shape our identity and influence the world around us, one story at a time.

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