Baby Diapers : बच्चों की त्वचा बहुत कोमल और संवेदनशील होती है इसलिए डायपर पहनाने के दौरान थोड़ा सा भी लापरवाही से काम लेना उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है. यदि डायपर पहनाते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान न रखा जाए तो बच्चों को रैशेज, संक्रमण और अन्य समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए यह जरूरी है कि डायपर पहनाने से पहले और बाद में सही तरीके का पालन किया जाए.
- वजन और उम्र के हिसाब से डायपर चुनें: डायपर का आकार बच्चे के वजन और उम्र के हिसाब से होना चाहिए. छोटा डायपर तंग हो सकता है और त्वचा पर निशान छोड़ सकता है जबकि बड़ा डायपर लीक कर सकता है. सही फिटिंग वाला डायपर बच्चे को आरामदायक बनाए रखता है और उसे पूरे दिन सूखा रखता है.
- हर 2-3 घंटे में डायपर बदलें: बच्चे का डायपर हर 2-3 घंटे में बदलना जरूरी है चाहे वह ज्यादा गीला न लगे. अगर बच्चे ने पॉटी की हो तो तुरंत डायपर बदलें ताकि संक्रमण और रैशेज से बचा जा सके. रात में सोने से पहले ताजा डायपर पहनाना खासतौर पर जरूरी है.
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: डायपर बदलने के बाद बच्चे की त्वचा को गीले टिशू या साफ गीले कपड़े से हल्के हाथों से पोंछें. खुशबूदार और अल्कोहल युक्त वाइप्स से बचें क्योंकि इनमें केमिकल्स होते हैं जो जलन पैदा कर सकते हैं. फिर त्वचा को सूखने दें या हल्के कॉटन कपड़े से थपथपा कर सुखाएं.
- त्वचा की देखभाल: डायपर बदलने के बाद बच्चे के नाजुक हिस्से पर नारियल तेल, वैसलीन या डॉक्टर द्वारा सुझाई गई डायपर रैश क्रीम लगाएं. इससे त्वचा पर सुरक्षात्मक परत बनती है जो नमी को लॉक करती है और जलन और संक्रमण से बचाती है.
- डायपर फ्री टाइम: बच्चे को दिन में कम से कम 2 से 3 घंटे बिना डायपर के रखें. यह उसकी त्वचा को खुली हवा में सांस लेने का मौका देता है और रैशेज की समस्या को कम करता है.खासकर गर्मी के मौसम में डायपर फ्री टाइम देना बहुत जरूरी है.
- सस्ते डायपर से बचें: सस्ते या घटिया क्वालिटी के डायपर से बचे क्योंकि इनमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है. हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले डायपर चुनें जो त्वचा के लिए सुरक्षित और ज्यादा एब्जॉर्बेंट हों, ताकि बच्चा रातभर सूखा और आरामदायक महसूस करे.
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