Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार हर जीव किसी न किसी खास वजह से जाना जाता है. भगवान हर जीव में कोई ऐसी खास विशेषता जरूर देकर भेजते हैं जिस वजह से उसे जाना जाता है. हमें भी उनकी इन विशेषताओं को अपने अंदर ग्रहण करना चाहिए. गधे में ऐसी कई सारी विशेषताएं होती हैं जिन्हे हमे अपनानी चाहिए और अपने जीवन को परिवर्तित करने की कोशिश करनी चाहिए. आइये जानते है की चाणक्य निति में गधा कैसे विद्वान बनने की शिक्षा देता है.
गधे में मेहनत की क्षमता
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि गधा एक बहुत ही मेहनती जीव है. यह एक बोझ उठाने वाला जानवर है लेकिन आप उसकी इस खूबी को कभी नजर अंदाज नहीं कर सकते की वह हमेशा ही मेहनत करने की क्षमता रखता है. हमे भी इससे यह सीखना चाहिए कि हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए और थक कर एक जगह बैठ नहीं जाना चाहिए.
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लगन से काम करने की शक्ति
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि गधा थकने के बाद भी बोझ ढोने से पीछे नहीं हटता. इंसानो को इससे यह जरूर सीखना चाहिए. इंसान को अपने काम को पूरे लगन से करना चाहिए और तब तक करना चाहिए जब तक वह सफलता को न हासिल कर ले.
न घबराने की विशेषता
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि गधा सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में समान बना रहता है. वह किसी भी परिस्थिति में घबराता नहीं है. उसकी इस विशेषता को हमे जरूर से अपनाना चाहिए और हर परिस्थिति में सामान रहना चाहिए. खुशी हो या गम कभी भी किसी भी चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए.
ज्यादा की चाह नहीं करना
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि गधे को जितना मिलता हैं वो उतने में ही खुश हो जाता है और संतोष कर लेता है. लेकिन मनुष्य की प्रवृत्ति ऐसी नहीं है, उसे जितना मिलता है उतना कम लगता है. उसे उतने में संतोष नहीं मिलता. मनुष्य को गधे से यह भी सीखना चाहिए की हमारे पास जो है, जितना है वह पर्याप्त है. इनपुट: संजना गिरी
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