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Chanakya Niti: परिवार में कलह का असली कारण क्या है? जानिए चाणक्य के शब्दों में

Chanakya Niti: चाणक्य, जो एक महान नीति-ज्ञानी थे, उन्होंने परिवार में कलह के पीछे छिपे गहरे कारणों को समझाया है. उनके अनुसार झगड़े सिर्फ शब्दों या घटनाओं से नहीं, बल्कि आदतों और सोच के टकराव से होते हैं. अगर चाणक्य की बातों को समय रहते समझ लिया जाए, तो परिवार में हमेशा प्रेम और संतुलन बना रह सकता है.

Chanakya Niti: हर घर में प्यार और अपनापन तो होता है, लेकिन कभी-कभी बिना किसी बड़े कारण के भी झगड़े शुरू हो जाते हैं. रिश्तों में तनाव बढ़ने लगता है और परिवार की शांति टूट जाती है. ऐसे में अक्सर हम सोचते हैं कि गलती किसकी है. चाणक्य, जो एक महान नीति-ज्ञानी थे, उन्होंने परिवार में कलह के पीछे छिपे गहरे कारणों को समझाया है. उनके अनुसार झगड़े सिर्फ शब्दों या घटनाओं से नहीं, बल्कि आदतों और सोच के टकराव से होते हैं. अगर चाणक्य की बातों को समय रहते समझ लिया जाए, तो परिवार में हमेशा प्रेम और संतुलन बना रह सकता है.

Chanakya Niti: स्वार्थ का बढ़ना

जब परिवार के सदस्य केवल अपने बारे में सोचने लगते हैं, तो आपसी समझ कमजोर हो जाती है. चाणक्य ने कहा है कि स्वार्थ संबंधों में जहर घोल देता है. अगर हर कोई सिर्फ अपना फायदा देखेगा, तो एकता खत्म हो जाएगी. इसलिए परिवार में त्याग और सहयोग बहुत ज़रूरी है.

Chanakya Niti: धन और संपत्ति की लालच

चाणक्य के अनुसार, धन का लोभ सबसे बड़ा दुश्मन होता है. जब परिवार में पैसों को लेकर मनभेद होने लगते हैं, तो कलह बढ़ती है. ज़रूरी है कि पारिवारिक फैसले आपसी समझ और विश्वास से लिए जाएं. लालच रिश्तों को खोखला कर देता है.

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Chanakya Niti: एक-दूसरे की अनदेखी करना

जब घर के सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं को नजरअंदाज करते हैं, तो दिलों में दूरी आने लगती है. चाणक्य कहते हैं कि सम्मान और संवाद हर रिश्ते की नींव है. अगर कोई सुना नहीं जाता, तो वो खुद को अकेला महसूस करता है. इससे विवाद बढ़ने की संभावना होती है.

Chanakya Niti: बाहरी लोगों का हस्तक्षेप

चाणक्य नीति के अनुसार, परिवार के मामलों में बाहरी लोगों की दखल रिश्तों को बिगाड़ सकती है. जब दूसरों की बातें घर के लोगों को भड़काने लगें, तो कलह बढ़ती है. परिवार के फैसले परिवार के भीतर ही लेने चाहिए. बाहरी हस्तक्षेप से भरोसा टूटता है.

Chanakya Niti: झूठ और धोखे की आदत

झूठ और धोखा रिश्तों को कमजोर बना देते हैं. चाणक्य कहते हैं कि जहां सत्य नहीं होता, वहां शांति भी नहीं टिकती. एक झूठ कई रिश्तों को बर्बाद कर सकता है. परिवार में पारदर्शिता और ईमानदारी जरूरी है.

Chanakya Niti: अहंकार और गुस्सा

चाणक्य ने कहा है कि गुस्सा और अहंकार सबसे बड़ा विनाशक है. जब कोई सदस्य हमेशा खुद को सही समझे और दूसरों को नीचा दिखाए, तो कलह पनपती है. विनम्रता और धैर्य ही परिवार को जोड़े रखते हैं. हर बात का जवाब गुस्से से नहीं, समझदारी से देना चाहिए.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Shubhra Laxmi
Shubhra Laxmi
A lifestyle writer currently interning with Prabhat Khabar. Love writing stories that reflect real life from wellness and self-care to fashion everyday experiences.

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