24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Color Psychology: क्या आप जानते हैं, प्राचीन समय में रंगों के जरिये भी होता था रोगों का उपचार

रंग हमारे मन को प्रभावित करने के साथ ही, हमें तरोताजा भी करते हैं. होली का अवसर इस बात का साक्षी है. आइए जानते हैं इस अवसर पर रंगों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में...

Color Psychology: प्रकृति की सुंदरता अद्वितीय है. इसका सानिध्य हमारे मन-मस्तिष्क को तरोताजा कर देता है. परंतु यदि यह रंगहीन होती, या प्रकृति में केवल एक ही तरह के रंग बिखरे होते, तो क्या तब भी प्रकृति इतनी ही सुंदर दिखती, जितनी यह आज दिखती है. क्या तब भी हम इसके मनमोहक नजारे देखने को इतने ही उत्सुक होते, जितना आज होते हैं. तो इसका उत्तर है नहीं, क्योंकि रंग हमारे मनभावों को व्यक्त भी करते हैं और हमें प्रभावित भी करते हैं. तभी तो हममें से अधिकांश लोगों को वर्षभर होली की प्रतीक्षा रहती है. उल्लास के पल हों या उत्सव का अवसर, हम अबीर-गुलाल लगा खुशियां मनाना नहीं भूलते. रंगों में रंगना शायद ही किसी को अच्छा नहीं लगता हो.

हमारे जीवन पर रंगों का व्यापक प्रभाव पड़ता है

रंग हमारे जीवन पर व्यापक प्रभाव डालते हैं. प्राचीनकाल से ही ऐसा माना जाता रहा है कि रंगों का हमारे रोगों को दूर करने से गहरा संबंध है. प्राचीन संस्कृतियों में, रंगों का उपयोग अक्सर विभिन्न स्थितियों का इलाज करने और भावनाओं को प्रभावित करने के लिए किया जाता था. विभिन्न आध्यात्मिक प्रथाओं में भी रंगों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है. आज विज्ञान से लेकर मनोविज्ञान जगत भी इस बात को स्वीकार करना लगा है कि रंग मानव मनोविज्ञान और उसकी मन:स्थिति पर गहरा प्रभाव डालते हैं. कलाकारों और इंटीरियर डिजाइनरों का लंबे समय से मानना रहा है कि रंग नाटकीय रूप से हमारे मूड, अहसास और भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं.

थेरेपी में रंगों का उपयोग

मिस्र और चीनी सहित कई प्राचीन संस्कृतियों में क्रोमोथेरेपी, या उपचार के लिए रंगों का उपयोग किया जाता था. क्रोमोथेरेपी को कई बार प्रकाश चिकित्सा या रंगविज्ञान के रूप में भी जाना जाता है.

  • लाल रंग का उपयोग शरीर और मन (बॉडी व माइंड) को उत्तेजित करने और सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
  • पीला रंग तंत्रिकाओं को उत्तेजित करता है और शरीर को स्वच्छ करता है, ऐसा माना जाता है.
  • संतरी रंग का उपयोग फेफड़ों को ठीक करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
  • नीला रंग बीमारियों को शांत करता है और दर्द का उपचार करता है, ऐसी मान्यता है.
  • गहरे नीले रंग से त्वचा की समस्याएं कम होती हैं, ऐसा माना जाता है.

हालांकि विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि रंगों से उपचार को लेकर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है.

इन्हें भी पढ़ें: हमारे मनोभावों से गहरे जुड़े हैं रंग, जानिए इनके महत्व के बारे में

रंगों से जुड़े वैज्ञानिक अध्ययन

वर्ष 2020 में रंगों से जुड़े भावानात्क जुड़ाव को लेकर एक सर्वेक्षण किया गया था. इस सर्वेक्षण में 30 देशों के साढ़े चार हजार से अधिक लोग शामिल थे. अध्ययन में पाया गया कि लोग आमतौर पर कुछ रंगों को विशिष्ट भावनाओं से जोड़ते हैं. अध्ययन के निष्कर्ष निम्न हैं.

काला : 51 प्रतिशत लोगों ने इस रंग को उदासी के साथ जोड़ा.

सफेद : 43 प्रतिशत लोगों ने सफेद रंग को राहत या शांति के साथ जोड़ा.

लाल : 68 प्रतिशत लोगों ने इस रंग को प्यार के साथ जोड़ा.

नीला : 35 प्रतिशत लोगों को यह रंग शांति का अहसास लगा.

हरा : 39 प्रतिशत लोगों को इस रंग में संतुष्टि का भाव दिखा.

पीला : 52 प्रतिशत लोगों ने पीले रंग को आनंद का पर्याय माना.

बैंगनी : 25 प्रतिशत लोगों ने इसे प्रसन्नता व आनंद के संग जोड़ा.

भूरा : 36 प्रतिशत लोगों ने भूरे रंग को घृणा से जोड़ा.

नारंगी या संतरी : 44 प्रतिशत लोगों ने नारंगी रंग को खुशियों का प्रतीक माना.

गुलाबी : 50 प्रतिशत लोगों को गुलाबी रंग प्यार का रंग लगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel