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कैंची धाम के दिव्य संकेत, क्या आपको भी बुला रहे हैं नीम करोली बाबा?

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के दर्शन करने कोई भी नहीं चला जाता है. जिसको बाबा बुलाते हैं वही दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करता है. इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बात करेंगे, जो कि दर्शन करने की ओर इशारा करते हैं.

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक ऐसे महान संत थे, जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान को आम जनजीवन से जोड़कर, साधना को सेवा के रूप में परिभाषित किया. वे न केवल हनुमान जी के परम भक्त थे, बल्कि उनके अनुयायी उन्हें हनुमान जी का सजीव रूप मानते हैं. भले ही बाबा अब हमारे बीच शारीरिक रूप में उपस्थित नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और उपदेश आज भी लोगों के जीवन को नई दिशा दे रहे हैं. उत्तराखंड स्थित उनका आश्रम कैंची धाम (Kainchi Dham) अब श्रद्धा और आस्था का अद्भुत केंद्र बन गया है. यहां हर साल देश-विदेश से हज़ारों लोग दर्शन करने और आध्यात्मिक शांति पाने आते हैं. बाबा का संदेश हमेशा यही रहा कि जरूरतमंद की मदद करना ही सच्ची भक्ति है. उनका जीवन करुणा, प्रेम और सेवा का प्रतीक था, जो आज भी हर भक्त के दिल को छूता है. ऐसी मान्यता है कि नीम करोली बाबा के दर्शन करने कोई भी नहीं चला जाता है. जिसको बाबा बुलाते हैं वही दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करता है. इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बात करेंगे, जो कि दर्शन करने की ओर इशारा करते हैं. इसके अलावा, यह भी जानेंगे कि अगर आप कैची धाम जा रहे हैं, तो क्या भोग लगा सकते हैं.

कहां स्थित है कैंची धाम? (Where is Baba Neem karoli Dham)

उत्तराखंड की वादियों में नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा रोड पर कैंची धाम स्थित है. आश्रम के पास बहती पवित्र नदी इसकी शांति और आध्यात्मिकता को और गहराई देती है. इस पावन स्थल की नींव बाबा ने 1960 में रखी थी और उसी समय से यह स्थान भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मिक शांति का स्रोत बना हुआ है. हर साल 15 जून को यहां विशाल भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश और विदेश से पहुंचते हैं.

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ये संकेत हैं कैंची धाम जानेंगे (These are the signs for attending Kainchi Dham)

  • व्यक्ति के जीवन में अचानक कुछ बदलाव महसूस होने लगते हैं.
  • सपनों में बाबा के दर्शन होने लगते हैं.
  • आसपास के लोग अनायास ही बाबा नीम करोली की बातें करने लगते हैं.
  • कोई न कोई कैंची धाम जाने की सलाह देने लगता है, खासकर जब कोई संकट चल रहा हो.
  • मन लगातार कैंची धाम जाने की तरफ खिंचने लगता है, एक बेचैनी-सी बनी रहती है.
  • श्रद्धा और भक्ति का भाव गहराने लगता है, जैसे कोई अदृश्य शक्ति बुला रही हो.

नीम करोली बाबा को लगाएं ये भोग (Bhog for Neem Karoli Dham)

मान्यता है कि इन प्रिय भोगों को बाबा के चरणों में अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं. ऐसे में आप उन्हें ये चीजें भोग में अर्पित कर सकती हैं:-

  • बाबा नीम करोली को सेब और जलेबी अत्यंत प्रिय माने जाते हैं.
  • कैंची धाम में सेब और जलेबी चढ़ाने से बाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
  • यह भोग श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में चढ़ाया जाता है, जिससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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