Healthy Food Idea: सुपरफूड्स और स्वास्थ्य संबंधी रुझानों के उदय से बहुत पहले, हमारी दादी-नानी पोषण, स्वाद और प्रेम से भरपूर भोजन तैयार करती थीं. साधारण, प्राकृतिक सामग्रियों और पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके, उन्होंने ऐसे व्यंजन बनाए जो न केवल भूख मिटाते थे, बल्कि शरीर को मज़बूत और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते थे. ये समय-परीक्षित व्यंजन आयुर्वेद और ऋतु-ज्ञान पर आधारित थे, जो पीढ़ियों से चले आ रहे थे. इस लेख में, हम ऐसे पाँच पौष्टिक खाद्य पदार्थों पर एक नज़र डालते हैं जो हमारी दादी-नानी बनाया करती थीं. हर एक स्वास्थ्य और स्वाद का एक बेहतरीन मिश्रण.
खिचड़ी
चावल और दाल का एक आरामदायक मिश्रण, जिसे अक्सर घी, हल्दी और हल्के मसालों के साथ पकाया जाता है. पचने में आसान और पोषक तत्वों से भरपूर, खिचड़ी पहले भी (और आज भी) स्वास्थ्य और पोषण दोनों के लिए एक पसंदीदा व्यंजन है.
रागी दलिया
बाजरे के आटे, गुड़ और दूध या पानी से बना यह दलिया कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है. हमारी दादी-नानी इसे बच्चों को मज़बूत हड्डियों और अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए देती थीं.
गोंद के लड्डू
गोंद, गेहूँ के आटे, घी और मेवों से बने ये ऊर्जा से भरपूर लड्डू खास तौर पर सर्दियों में गर्मी और ताकत के लिए बनाए जाते हैं.
आंवला मुरब्बा
विटामिन सी से भरपूर मीठा आंवला का मुरब्बा. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, पाचन में सुधार करता है और अक्सर सुबह के टॉनिक के रूप में दिया जाता था.
अजवाइन पराठा
अजवाइन और घी से बनी एक साधारण रोटी – पाचन के लिए बेहतरीन और हल्की सर्दी या पेट खराब होने पर आदर्श.
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